रांची। सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट), डोरंडा ने प्रोबेशन पीरियड खत्म होने के बाद सीआईपी, कांके से हटाए गए आठ कर्मियों को पुन: बहाल करने का निर्देश दिया है। यह कर्मी नर्स के रूप में नियुक्त हुए थे। कैट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि न्याय कागजों में नहीं बल्कि धरातल में दिखना चाहिए। प्राथी की ओर से अधिवक्ता आशुतोष आनंद एवं शाहबाज अख्तर ने पैरवी की।

दरअसल, दो साल के प्रोबेशन पीरियड के बाद सीआईपी प्रबंधन ने इन कर्मियों को हटाया था। कहा था कि उनकी नियुक्ति में गड़बड़ी हुई है और अस्थाई कर्मी के रूल के तहत इन्हें हटाया जा रहा है। सीआरपी प्रबंधन ने 20 में से आठ नर्सों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया। इसके खिलाफ प्राथियों की ओर से कैट मे याचिका दाखिल की गई थी। प्रार्थी का कहना था कि प्रोबेशन पीरियड के बाद उनकी नियुक्ति स्थाई होनी चाहिए थी लेकिन सीआइपी प्रबंधन ने उन्हें हटा दिया। सीआईपी प्रबंधन ने नियुक्ति की सारी प्रक्रियाओं के बाद उन्हें नर्स के रूप में बहाल किया था। इसलिए उन्हें इस तरह हटाया जाना उचित नहीं है।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version