विशेष
मोदी को देख लिया, धाम कर लिया!
पसीने से लथपथ 75 वर्ष की महिला ने हांफते और लंगड़ाते हुए कहा
मोदी को देखने आयी भीड़ इतनी, मानो पाताल से पानी का विस्फोट
360 डिग्री तक जहां भी नजर आती थी, हर तरफ भीड़ उफान पर थी
घाटशिला से ही मोदी ने दाग दिया झारखंड से रायबरेली तक गोला
सलाखों के पीछे मुख्यमंत्री से लेकर मम्मी की सीट तक को भेद डाला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 मई को एक बार फिर अपने दिल के सबसे करीब प्रदेश झारखंड में अपने प्यारे आदिवासी भाइयों-बहनों के बीच थे। यह झारखंड की उनकी चौथी चुनावी यात्रा और पांचवीं चुनावी रैली थी। घाटशिला की इस यात्रा में मोदी के प्रति लोगों की दीवानगी सिर चढ़ कर बोल रही थी। उनकी एक झलक पा लेना मानो किसी अलौकिक शख्सियत का दर्शन कर लेने जैसा था। यह घाटशिला की सभा में शामिल लोगों ने बताया। पीएम मोदी की इस सभा में उम्र, जाति, धर्म और लिंग का भेद मिट सा गया था। इसलिए सभा में इतने लोग शामिल हुए कि भीड़ की शुरूआत और अंतिम छोर दिखाई ही नहीं दे रहा था। जमशेदपुर के विभिन्न कोनों से तो लोग आये ही थे, पड़ोसी पश्चिम बंगाल तक से लोग केवल मोदी की एक झलक पाने के लिए यहां तक पहुंचे थे। घाटशिला जमशेदपुर संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आता है और यह इलाका नक्सलियों के ‘जंगल महल’ के नाम से जाना जाता है। लेकिन पीएम मोदी की यात्रा ने यहां की राजनीतिक परिस्थितियों को पूरी तरह उलट-पलट कर रख दिया है। घाटशिला की सभा ने भाजपा के लिए रास्ते तो आसान किये ही हैं, पीएम मोदी की लोकप्रियता पर एक बार फिर मुहर लगा दी है। पीएम मोदी की घाटशिला यात्रा को कवर करने के दौरान एकत्र अनुभव को साझा कर रहे हैं आजाद सिपाही के विशेष संवाददाता राकेश सिंह।

देश में 20 तारीख को 49 लोकसभा सीटों पर पांचवें चरण की वोटिंग होगी और झारखंड में तीन लोकसभा सीटों पर दूसरे चरण की वोटिंग होगी, यानी इन पंक्तियों के लिखे जाने से कुछ घंटे बाद। पीएम मोदी लगातार झारखंड का दौरा कर रहे हैं। पहले चाइबासा, फिर पलामू, सिसई, चतरा, गिरिडीह और शनिवार को उन्होंने घाटशिला का दौरा किया। इन दौरों में एक समानता थी। पीएम मोदी के लिए जनता की दीवानगी। भीड़ इतनी कि शुरूआत और अंत का पता नहीं। इस प्रचंड गर्मी में भी इतनी भारी संख्या में मोदी को देखने और सुनने के लिए जो जुनून जनता में दिखा, उसका असर वोटों पर भी पड़ेगा। पीएम मोदी की इन सभाओं में पुरुषों के साथ- साथ महिलाओं की भी संख्या बहुतायत में दिखी। महिलाएं दुधमुंहे बच्चों को गोद में उठाये सभास्थल पहुंची थीं। कई बुजुर्ग लाठी के सहारे मोदी की तारीफ करते पसीने से लथपथ भी मिले। बातचीत के क्रम में ग्रामीणों की जुबान पर केंद्रीय योजनाओं को लेकर मुखरता भी पायी गयी। गिरिडीह की सभा की बात की जाये, तो करीब दो लाख से अधिक की भीड़ थी। भीड़ का सैलाब क्या होता है और भीड़ बहती कैसे है, इस सभा के दौरान पाया। वहीं चाइबासा, पलामू, सिसई और चतरा की सभाओं में टेंट से चार गुणा ज्यादा भीड़ बाहर खड़ी पायी गयी थी। कई किलोमीटर पैदल चल कर लोग मोदी को सुनने पहुंचे थे। लेकिन अगर घाटशिला की बात की जाये, तो भीड़ की क्या परिभाषा भी बौनी साबित हो जाये। मानो भीड़ और गर्मी दोनों एक साथ बढ़ रही थी। सभास्थल की कुर्सियां हमारे पहुंचने से पहले ही भर गयी थीं। हम करीब सवा 10 बजे पहुंचे थे। भीड़ आती जा रही थी। भीड़ में महिलाओं की भागीदारी भी अच्छी-खासी थी। करीब तीन किलोमीटर पहले से लोग नहीं, भीड़ पैदल साभास्थल पहुंच रही थी। लेकिन भीड़ इतनी मात्रा में बढ़े जा रही थी कि उसे कई जगह रोकना पड़ा। प्रशासन से गुजारिश की गयी कि भीड़ को आने दिया जाये। उसे भी पीएम को सुनना है।

शुरू हो गया ‘जय श्रीराम’ का जयकारा
जब सभास्थल पर हमने अपना स्थान ग्रहण कर लिया, तब नेताओं का भाषण चल रहा था। उस दौरान अमर कुमार बाउरी, सुदेश महतो, विद्युत वरण और अर्जुन मुंडा ने भाषण दिया। समय 11 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हेलीकॉप्टर दिखना शुरू हो गया। हेलीकॉप्टर की आवाज मात्र से ही ‘जय श्रीराम’ के नारे गूंजने लगे। मोदी-मोदी के शोर से सभास्थल गूंज गया। करीब 11 बज कर 18 मिनट पर पीएम मोदी मंच पर आये। मोदी को देख जनता ‘जय श्रीराम’ और मोदी-मोदी के नारे लगाने लगी। मोदी के एक-एक वाक्य पर जनता तालियां और शोर मचा रही थी। इस सभा में महिलाएं भारी संख्या में दिखीं। बुजुर्ग महिलाओं की संख्या भी बहुत थी।

असली नजारा तो भाषण के बाद दिखा
मोदी का भाषण खत्म हुआ और सभास्थल से लोग निकलने लगे। अब असली नजारा तो यहां से शुरू होता है। भीड़ ऐसे निकल रही थी, मानों पाताल से कभी न बंद होनेवाली पानी की धार। बस निकली जा रही थी। लेफ्ट-राइट 360 डिग्री तक जहां भी नजर जा सकती थी भीड़ ही दिखाई दे रही थी। सड़क पर नजारा ऐसा कि मानो समंदर में दूर बहती लहरों की धारा। भीड़ में विकलांग भी थे, जो एक पैर के सहारे कई किलोमीटर की दूरी तय कर मोदी को देखने आये थे। पानी के लिए चापाकल भी हांफ गया था। दुकान वाले दूर से संकेत देने लगे कि पानी की बॉटल खत्म। एक दुकान में कोल्ड ड्रिंक्स मिल रहा था। वहां चीटियों की भांति भीड़। मुझे भी कोल्ड ड्रिंक पीना था। आखिरी एक पीस बचा था। ले लिया। ऐसा लगा वर्ल्डकप जीत लिया हो।

आजाद सिपाही की टीम भी भीड़ के साथ ही चल रही थी। देखना था कि इतनी गर्मी में, सिर घुमा देने वाली तपिश में भी लोग मोदी के लिए क्यों आये थे। भीड़ में सभी नहाये हुए प्रतीत हो रहे थे, क्योंकि सभी पसीने से तरबतर थे। आर्द्रता बहुत ज्यादा थी। हमारे शरीर से पसीना बहे जा रहा था। बस धीरे-धीरे सरक रहे थे। लग रहा था कि कोलकाता का दुर्गा पूजा मेला घूम रहे हों। अगर रुके, तो भीड़ एक-दूसरे के ऊपर चढ़ जाये। अचानक हमारी गाड़ी दिखी और हम उसमें जाकर बैठ गये।

बुजुर्ग महिला के जवाब ने निरुत्तर कर दिया
थोड़ी दूर रेंगने के बाद, रेंगना इसलिए, क्योंकि सभी गाड़ियां रेंग ही रही थीं, हमें एक बुजुर्ग महिला भीड़ में दिखीं। वह महिला बहुत धीरे-धीरे भीड़ में चल रही थीं। कराह भी रही थीं। यूं कहें कि उनके लिए एक-एक कदम चलना मानो पहाड़ चढ़ने जैसा लग रहा हो। पसीने से लथपथ। हमारे सहयोगी सुनील ने उन्हें देखा और मुझसे पूछा, इन्हें गाड़ी में बिठा लिया जाये। थोड़ी दूर बाद छोड़ दिया जायेगा। मैंने कहा, बिल्कुल बिठाइये। बातचीत हुई, तो पता चला हाइवे तक जाना चाहती थीं। उनके साथ कई महिलाएं भी थीं। हमने कहा कि हम माता जी को छोड़ देंगे। फिर हमने उन्हें गाड़ी में बिठाया। पूछा कि आप इतनी कड़ी धूप में मोदी को क्यों देखने आ गयीं। आपका तो स्वास्थ्य भी खराब लग रहा था। आप हांफ रही हैं। उस महिला की उम्र 75 वर्ष होगी। उस महिला ने कहा, मोदी को देख लिया धाम कर लिया, यानी तीर्थ कर लिया। उस महिला की आंखों में मोदी के लिए अपार प्रेम समाहित था। बोलीं, देश को मोदी ही बचा सकते हैं। हमने उनको हाइवे तक छोड़ा । उन्होंने ढेर सारा आशीर्वाद दिया। इतने में उनके साथ की महिलाएं भी पहुंच गयीं। भीड़ में गाड़ी रेंग ही रही थी।
भीड़ में बातचीत के क्रम में पता चला कि लोगों में जमशेदपुर के भाजपा प्रत्याशी और सांसद विद्युत वरण महतो के लिए काफी सम्मान है। उनका मानना था कि विद्युत वरण महतो जमीनी नेता हैं। वह जनता के लिए खड़े रहते हैं। मेहनती भी हैं। उनसे शिकायत नहीं। उनकी जीत को लेकर भी काफी संख्या में लोग आश्वस्त दिखे। ऐसा नहीं था कि वे भाजपा समर्थक थे। वे आसपास से आये ग्रामीण थे और काफी जागरूक भी थे।

प्रभावशाली था मोदी का भाषण
मोदी ने तो आधे घंटे के अपने भाषण में झारखंड से लेकर रायबरेली तक गोला दाग दिया। हेमंत सोरेन से लेकर राहुल गांधी तक को लपेटे में लिया। ‘नोटों के पहाड़’ से लेकर ‘मम्मी की सीट’ तक का जिक्र कर डाला। कह दिया ये झारखंड मुक्ति मोर्चा, राजद और कांग्रेस वालों की सोच नक्सली वाली है। मोदी इन भ्रष्टाचारियों को नहीं छोड़ेगा।

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