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    Home»राजनीति»लोस चुनाव : फैजाबाद में पिछले चार दशकों में कोई छू नहीं पाया 50 फीसदी का आंकड़ा
    राजनीति

    लोस चुनाव : फैजाबाद में पिछले चार दशकों में कोई छू नहीं पाया 50 फीसदी का आंकड़ा

    adminBy adminMay 18, 2024No Comments4 Mins Read
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    लखनऊ। फैजाबाद संसदीय सीट पर अब तक 17 संसदीय चुनाव हो चुके हैं। पिछले 62 वर्षों में कुल मतदान में 50 फीसदी के जादुई आंकड़े को महज दो प्रत्याशी ही छू पाए हैं। 1977 के चुनाव के बाद कोई भी प्रत्याशी इस आंकड़ें को छू नहीं पाया।

    पहले चार चुनाव में 50 फीसदी

    1952 और 1957 के चुनाव में फैजाबाद सीट से दो सांसद चुने जाते थे। इन चुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की। 1962 फैजाबाद सीट से एक सांसद चुना गया। इस चुनाव में कांग्रेस के बृजवासी लाल ने जीत दर्ज की। कांग्रेस प्रत्याशी को 75,939 (40.14 प्रतिशत) वोट मिले। चौथी लोकसभा के लिए साल 1967 में हुए चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी राम कृष्ण सिन्हा को 83,532 (37.41 प्रतिशत) वोट हासिल हुए। पहले चार चुनाव में कोई भी विजेता 50 फीसदी का आंकड़ा छू नहीं पाया।

    1971 में राम कृष्ण सिन्हा को मिले 58 फीसदी वोट

    पांचवीं लोकसभा के लिए 1971 के आम चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी राम कृष्ण सिन्हा को 118,422 (58.41 प्रतिशत) वोट हासिल हुए। दूसरे स्थान पर रही इंडियन नेश्नल कांग्रेस ऑर्गेनाइजेशन (एनसीओ) प्रत्याशी सुचेता कृपलानी को 40732 (20.09 प्रतिशत) वोट हासिल हुए। इस चुनाव में 43.72 फीसदी मतदान हुआ। 2 लाख 2 हजार 736 वोटरों ने इस चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।

    1977 में अनंत राम को मिले थे 69 फीसदी मत

    इमरजेंसी के बाद 1977 में हुए आम चुनाव में देशभर में कांग्रेस के खिलाफ नाराजगी का माहौल था। इस चुनाव में फैजाबाद से भारतीय लोकदल (बीएलडी) प्रत्याशी अनन्त राम जायसवाल ने कांग्रेस प्रत्याशी को 1 लाख 47 हजार 803 वोटों के अंतर से शिकस्त दी थी। अनन्त राम को 216,719 (69.40 प्रतिशत) फीसदी वोट पाने में कामयाब रहे। दूसरे स्थान पर रहे कांग्रेस के राम कृष्ण सिन्हा को 65,916 (21.40 प्रतिशत) वोट हासिल हुए। चुनाव में कुल 6 प्रत्याशी मैदान में थे, जिसमें 4 निर्दलीय थे। इस चुनाव में 51.45 फीसदी मतदान हुआ। 3 लाख 79 हजार 98 वोटरों ने इस चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।

    पिछले 40 वर्षों में कोई छू नहीं पाया 50 फीसदी का आंकड़ा

    1977 के आम चुनाव के बाद से इस सीट पर 11 आम चुनाव हो चुके हैं, लेकिन पिछले चार दशकों में कोई प्रत्याशी 50 फीसदी का जादुई अंक छू नहीं सका। 1980 के आम चुनाव में कांग्रेस आई के जयराम वर्मा विजयी हुए। वर्मा को 45.77 फीसदी वोट मिले। 1984 के चुनाव में कांग्रेस के निर्मल खत्री 44.57 फीसदी वोट पाकर कुर्सी पर काबिज हुए। 1989 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के मित्रसने 41.51 वोट शेयर के साथ दिल्ली पहुचंने में कामयाब रहे।

    1991 और 1996 के चुनाव में फैजाबाद सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के फायर ब्रांड नेता विनय कटियार ने जीत का कमल खिलाया। दोनों चुनाव में कटियार को क्रमश: 37.44 और 38.58 फीसदी वोट ही प्राप्त हुए। 1998 में समाजवादी पार्टी के मित्रसेन यादव ने भाजपा प्रत्याशी विनय कटियार को परास्त किया। मित्रसेन को 38.44 फीसदी वोट मिले।

    13वीं लोकसभा के साल 1999 में हुए चुनाव में भाजपा के विनय कटियार ने 29.40 फीसदी वोट शेयर के साथ जीत हासिल की। 2004 के आम चुनाव में फैजाबाद सीट से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के मित्रसेन को 30.19 फीसदी वोट पाकर विजयी रहे।

    पिछले तीन चुनाव का हाल

    2009 के आम चुनाव में कांग्रेस के निर्मल खत्री यहां से सांसद निर्वाचित हुए। खत्री का वोट शेयर 28.24 फीसदी था। बात 2014 और 2019 के चुनाव की कि जाए तो भाजपा के लल्लू सिंह पिछले दस साल से यहां के सांसद हैं। पिछले दो चुनाव में लल्लू सिंह को 48.08 फीसदी और 48.65 फीसदी वोट हासिल हुए। लल्लू सिंह 50 फीसदी का जादुई नंबर छूने से चूक गए।

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