नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और संभावित युद्ध जैसे हालात को देखते हुए भारत-नेपाल सीमा को सुरक्षा कारणों से पूरी तरह सील कर दिया गया है। बिहार की 729 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा, जो नेपाल से लगती है, दो माह के लिए अब रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक कर्फ्यू के तहत रहेगी। सीमा पार आवागमन पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है और हर आने-जाने वाले व्यक्ति की तलाशी ली जा रही है।

SSB (सशस्त्र सीमा बल) के जवानों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं और उन्हें पूर्ण सतर्कता के साथ तैनात किया गया है। वाल्मीकिनगर (बगहा), रक्सौल (पूर्वी चंपारण), बैरगनिया और भिट्ठामोड़ (सीतामढ़ी), जयनगर, मधवापुर और लौकहा (मधुबनी), अररिया और किशनगंज जैसे सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया गया है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के संभावित एजेंटों की नेपाल सीमा से घुसपैठ को रोकने के लिए चौबीसों घंटे निगरानी की जा रही है।

इधर, बिहार सरकार ने भी सुरक्षा की संवेदनशील स्थिति को देखते हुए बड़ा कदम उठाया है। राज्य भर के सभी प्रशासनिक, पुलिस और आपदा प्रबंधन विभाग से जुड़े कर्मियों की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई हैं। अपर मुख्य सचिव डॉ. बी. राजेन्द्र द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि सभी अधिकारी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई के लिए उपलब्ध रहें। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह निर्णय संभावित आपात स्थिति और सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए एहतियातन लिया गया है। पूरे राज्य में चौकसी और निगरानी को बढ़ा दिया गया है, ताकि किसी भी स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।

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