– शीर्ष अदालत ने 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान मानवता के विरुद्ध अपराध के आरोपों से मुक्त किया
ढाका। बांग्लादेश में जमात-ए-इस्लामी के नेता एटीएम अजहरुल इस्लाम ने आज 14 साल बाद खुली हवा में सांस ली। जेल से रिहा होने पर वह काफी खुश नजर आए। उन्हें 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान मानवता के विरुद्ध अपराध के केस में गिरफ्तार किया गया था। इस्लाम ने रिहाई के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी।
दे डेली स्टार अखबार की खबर के अनुसार, जमात-ए-इस्लामी के नेता एटीएम अजहरुल इस्लाम को आज जेल से रिहा कर दिया गया। एक दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान मानवता के विरुद्ध अपराध के आरोपों से मुक्त कर दिया था। केरानीगंज स्थित ढाका सेंट्रल जेल के अधिकारियों ने उनकी रिहाई की प्रक्रिया पूरी करने के बाद उन्हें सुबह करीब 9:15 बजे बांग्लादेश मेडिकल यूनिवर्सिटी से रिहा कर दिया । रिहाई के तुरंत बाद जमात नेता इस्लाम संगठन के अन्य नेताओं के साथ शाहबाग चौराहे पर एक रैली में शामिल हुए।
उन्होंने कहा, “14 साल जेल में बिताने के बाद आज मुझे रिहा कर दिया गया है। मैं अब आजाद हूं। मैं एक आजाद देश का आजाद नागरिक हूं।” उन्होंने सुप्रीम कोर्ट, अपने वकीलों, जुलाई विद्रोह में भाग लेने वालों, खास तौर पर छात्रों, सेना के सदस्यों और देश की जनता के प्रति आभार व्यक्त किया।
इस्लाम ने आरोप लगाया कि जमात के शीर्ष नेताओं और अन्य लोगों की न्यायिक हिरासत के दौरान मौत की जांच करवा कर इसके लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जाए।
सनद रहे, कल सुप्रीम कोर्ट के अपीलीय प्रभाग ने अपने पिछले फैसले को रद्द कर दिया। इस फैसले में अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के सजा और मौत की सजा को बरकरार रखा गया था। शीर्ष अदालत ने जेल अधिकारियों को निर्देश दिया था कि जब तक अजहरुल को किसी अन्य मामले में गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक उसे तुरंत रिहा किया जाए। 30 दिसंबर, 2014 को तत्कालीन अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण-1 ने इस्लाम को मानवता के खिलाफ अपराध के तीन मामलों में मौत की सजा और दो अन्य मामलों में कारावास की सजा सुनाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 27 मई, 2025 के अपने नए फैसले में साक्ष्यों का उचित मूल्यांकन करने में अपनी पिछली चूक को स्वीकार किया।