रांची। झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड सरकार का श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय का नाम बदलकर वीर बुधु भगत विश्वविद्यालय करने का फैसला बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। यह गलत परंपरा स्थापित करने वाली फैसला है। इस तरह के कदम संस्थानों की स्थिरता और इतिहास के प्रति सम्मान को कमजोर करते हैं। यह निर्णय न तो श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सम्मान में है और न ही महान स्वतंत्रता सेनानी वीर बुधु भगत के योगदान को उचित सम्मान देता है।
सरकार यदि वास्तव में बुधु भगत को सम्मानित करना चाहती थी, तो उनके नाम पर एक नया विश्वविद्यालय स्थापित किया जाना चाहिए था। एक महान विभूति के नाम को हटाकर दूसरे महान विभूति के नाम पर संस्थान का नाम बदल देना दोनों ही व्यक्तित्वों की विरासत और सम्मान को प्रभावित करता है। ऐसा करना केवल राजनीतिक उद्देश्य से ध्यान भटकाने की कोशिश प्रतीत होती है।
उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि वह तत्काल इस निर्णय को वापस ले और वीर बुधु भगत के नाम से एक नये विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा करे। ऐसा कदम वीर बुधु भगत के सम्मान में एक स्थायी और सार्थक पहल होगी, जिसमें राज्य के विकास के लिए नये अवसर भी पैदा होंगे। इस सकारात्मक पहल में सरकार को हमारा पूर्ण समर्थन रहेगा, क्योंकि इससे राज्य के युवाओं के लिए शिक्षा के नये अवसर उपलब्ध होंगे और वीर बुधु भगत की विरासत सार्थक रूप से संरक्षित हो।