रांची: झारखंड यूनियन आॅफ जर्नलिस्ट के तत्वावधान में गुरुवार को पत्रकारों पर हमले के विरोध और सुरक्षा कानून बनाये जाने की मांग को लेकर राजभवन के समक्ष धरना दिया गया। इसमें सभी ने एक स्वर में पत्रकारों पर हो रहे हमले को लेकर पुलिस-प्रशासन की खिंचाई की। सुरक्षा कानून बनाये जाने के मुद्दे पर आवाज बुलंद की। मांडर के थानेदार पर कार्रवाई नहीं किये जाने का विरोध किया गया। धरना के बाद यूनियन की तरफ से राज्यपाल को मांगों के संबंध में ज्ञापन भी सौंपा गया। धरना को राष्ट्रीय सरना युवा संघ, परहिया समिति समेत विभिन्न संगठनों ने समर्थन दिया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि चार दिन पहले पत्रकार पर मांडर में हुए हमले की सिर्फ बात नहीं है, देश भर में निष्पक्षता से कलम चलानवाले सिपाहियों पर लगातार हमले हो रहे हैं। फिलवक्त केंद्र और राज्य की सरकारें आंखें बंद कर चुकी हैं। उन्होंने गिरिडीह के पीरटांड़ और हजारीबाग में पत्रकारों की हत्या, पलामू के पत्रकार पर हमले का भी कड़ा विरोध जताया।
वरिष्ठ पत्रकार हरिनारायण सिंह ने धरने में कहा कि आपके पास कलम है, उसकी ताकत को आप पहचानिये और समय पर इसके इस्तेमाल करिये। उन्होंने कहा कि मुफस्सिल पत्रकार जिस संस्थान में काम कर रहे हैं, वही संस्थान उन्हें मान्यता नहीं दे रहे हैं। यह बहुत चिंतनीय बात है।
यूनियन के अध्यक्ष रजत गुप्ता ने कहा कि पत्रकार पर हमला हो रहा है, तो ऐसे में एकजुटता बनाये रखने की जरूरत है। हम दूसरों की आवाज बुलंद करते हैं, तो खुद की सुरक्षा के लिए भी संघर्ष करेंगे।
महासचिव शिव अग्रवाल ने कहा कि मांडर थानेदार पर अब तक कार्रवाई नहीं होने से शासन और प्रशासन की मंशा समझी जा सकती है। धरने को वरिष्ठ पत्रकार जगदीश सलूजा, भीष्म सिंह, धीरेंद्र चौबे, मनोज मिश्र, नागेंद्र शर्मा, राष्ट्रीय सरना युवा संघ के एतो उरांव समेत विभिन्न जिलों से आये प्रतिनिधियों ने संबोधित किया। मौके पर वरिष्ठ पत्रकार चंदन मिश्र, संजय समर, अमित अखौरी, दीपेश कुमार, राजीव रंजन सिंह, अरविंद प्रताप, जयप्रकाश, ललन पांडेय, अमरनाथ पाठक, अजीत जायसवाल, प्रदीप बर्मन, जीतेंद्र कुमार, जयंत कुमार, मनोज कुमार झुन्नू, विनय कटियार, अरविंद कुमार, कैलाश यादव, प्रताप सिंह, रंगनाथ चौबे, ओमप्रकाश, अरविंद स्वर्णकार, तारकेश्वर प्रसाद, नीलू चौबे, राधेरमण चौबे समेत अन्य उपस्थित थे।
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