मुंबई: 12 मार्च 1993 को हुए मुंबई में हुई ‘आतंक’ के घिनौने खेल पर आज  शुक्रवार को टा़डा कोर्ट का अहम फैसला आया है। कोर्ट ने अपने फैसले में अबु सलेम सहित 5 अन्य आरोपियों को दोषी करार दिया है। जबकि एक अन्य आरोपी अब्दुल कय्यूम शेख को आरोपों से मुक्त कर दिया है।

जानकारी के अनुसार जीन आरोपियों को आज दोषी करार दिया गया है, उनके लिए सोमवार को सजा का ऐलान किया जाएगा। मामले से संबंधित वकीलों की माने तो दोषियों पर जिस तरह के आरोप है, उनमें फांसी की सजा भी दी जा सकती है।

लेकिन इससे पहले आपको एक अहम जानकारी दें दे कि भारत में अबु सलेम को मौत की सजा यानी फांसी नहीं दी जा सकती है, इसके पिछे भी एक कहानी है। दरअसल ऐसा नहीं की भारत सरकार या फिर भारती की पुलिस ने अबु सलेम को गिरफ्तार किया है।

दरअसल भारत सरकार ने अबु सलेम को पुर्तलाग से प्रत्यर्पण करा कर भारत लाया है। जिसके तहत भारत-पुर्तलाग के बीच एक संधि हुई है, जिसमे इस बात का शर्त रखा गया है कि भारत सलेम को मौत की सजा नहीं देगा।

इंटरपोल इंडिया के पूर्व सहायक निदेशक एन एस खड़यात ने टीवी चैनल को बताया कि 20 सितंबर 2002 को मोनिका बेदी के साथ अबु सलेम पुर्तगाल- लिस्बन में गिरफ्तार हुआ था। इसके बाद प्रत्यर्पण के लिए लंबी लड़ाई चली- तब कही 2005 में कोर्ट ने प्रत्यर्पण की मंजूरी दी।

उन्होंने बताया कि पुर्तगाल एक ऐसा देश है जहा मौत  की सजा का नामो निशान नहीं है। इस लिए पुर्तगाल ने भारत ने सामने शर्त रखा की सलेम को फांसी की सजा नहीं दी जएगी, जिसपर भारत सरकार ने सहमति जताई। भारत की ओर से उस समय के डिप्टी प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आठवाणी और डिप्टी एक्सटर्नल अफेयर मिनिस्टर अबदुल्ला ने इस बात का भरोसा दिलाया था कि सलेम को मौत की सजा नहीं दी जाएगी।

सलेम के खिलाफ 9 मामलों को आधार बनाकर भारत ने प्रत्यर्पण की मांग किए थे, जिनमे से 4 केस दिल्ली पुलिस के 3 मुंबई पुलिस और 2 केस सीबीआई के थे। उन सभी मामलों की सुनवाई चल रही है, जिनमें से कुछ मामलों में सजा भी दी जा चुकी है।

आपको बता दें कि भारत में सलेम के खिलाफ इन्हीं नौ मामलों में ही सजा सुनाई जा सकती है, इसके अलावा किसी अन्य मामले उसके खिलाफ नहीं चलाए जा सकते तो वहीं किसी भी हालत में सलेम को फांसी की सजा भी नहीं दी जा सकती।

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