रांची: कांके के सुकुरहुटू में सोमवार की रात दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प के बाद दोनों पक्ष के करीब 62 उपद्रवियों को पुलिस ने मंगलवार की शाम जेल भेजा। वहीं डेढ़ से दो सौ आरोपी के खिलाफ पुलिस के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है। सौ से अधिक लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया था। मंगलवार की अहले सुबह तीन बजे से पुलिस ने गांव में छापामारी शुरू कर दी थी। रांची के सभी थानेदार सुकुरहुटू में कैंप कर रहे थे। पुलिस ने हर घर ही तलाशी ली। उपद्रव फैलाने वाले करीब एक सौ से अधिक लोगों को पुलिस ने उठाया। सभी को मोरहाबादी स्थित बिरसा मुंडा फुटबॉल स्टेडियम में रखा गया है। वहीं जेल कैंप बनाया गया है।
आरोपियों की पहचान के बाद मंगलवार शाम जेल भेजा गया। आलम यह है कि सुकुरहुटू की सात हजार जिंदगानी एक तरह से नजरबंद हो गयी है। उपद्रवियों की खता की सजा बुजुर्गों को मिल रही है। उन्हें घर से निकलने तक की इजाजत नहीं है। इधर, पुलिस ने गांव से भारी मात्रा में हथियार ( तलवार, फरसा) बरामद किया है। हालांकि गिरफ्तारी के दौरान महिलाओं ने पुलिस का जम कर विरोध किया। तमाम विरोधों को झेलते हुए कांके डीएसपी अमित कच्छप, डीएसपी विजय कुमार सिंह, डीएसपी भोला प्रसाद समेत पुलिसकर्मियों ने आरोपियों को गिरफ्तार किया।
ग्रामीण एसपी को निशाना बना कर चलायी थी गोली
सोमवार की रात घटना की सूचना के बाद पहुंचे ग्रामीण एसपी राज कुमार लकड़ा और कांके डीएसपी अमित कच्छप एक साथ टीम बनाकर लोगों को शांत करवाने के लिए रुक-रुक कर लाठीचार्ज करने में लगे थे। तभी गांव के पास स्थित बरगद के पेड़ के निकट अंधेरे का फायदा उठाते हुए अपराधियों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। करीब चार से पांच राउंड गोली चलने के बाद ग्रामीण एसपी राज कुमार लकड़ा ने भी जवानों को जवाब में हवाई फायरिंग करने का आदेश दिया। एसपी बाल-बाल बचे और पुलिस की हवाई फायरिंग से डर कर उपद्रवी भाग खड़े हुए। पुलिस ने पेड़ के पास से मंगलवार सुबह गोलियों के खोखे भी बरामद किये हैं। पुलिस का कहना है कि गोली रायफल या एसएलआर की है।
हर दरवाजे पर तैनात रही पुलिस
सुकुरहुटू में कुछ मनचले युवकों की हरकत के कारण सात हजार लोगों को पुलिस ने एक तरह से नजरबंद कर दिया है। सोमवार की रात जब उपद्रव कर रहे लोगों पर पुलिस का डंडा बरसा, तब वे फरार हो गये। मंगलवार सुबह से कोई भी महिला, पुरुष या बच्चा घर के दरवाजे से बाहर नहीं निकला है। गांव पुलिस छावनी में तब्दील है। हर दरवाजे पर फोर्स तैनात है। किसी को भी घर से बाहर नहीं निकलने दिया गया। एक भी दुकानें नहीं खुलीं। पुलिस लगातार गांव में कैंप कर रही है।
इन उपद्रवियों को भेजा गया जेल
हिरासत में लिये गये 62 उपद्रवियों को पुलिस ने जेल भेजा है। इसमें विनोद साहू, पप्पू ठाकुर, दिलीप साहू, आनंद कुमार साहू, कुणाल महतो, मिनहाज हुसैन, राहुल मंसुरी, अशोक साहू, जावेद अख्तर, साहिल अंसारी, इरशाद मंसूरी, नदीम सरवर, सुरेश साहू, मधुसुदन साहू, साबिद अंसारी, मोहम्मद वसीम, अजहर अंसारी, प्रदीप साहू, खुर्शीद अंसारी, अलवरशद मंसूरी, तैयब मंसूरी, अफीजुल अंसारी, योगेंद्र महतो, राजेश कुमार महतो, राहुल ठाकुर, मोहम्मद एहतेयाज, मोहम्मद अजहर, परवेज मंसूरी, आसुत मंसूरी, इमरान हुसैन, मोहम्मद इरफान अंसारी, सोहराब मंसूरी, अफरोज आलम, साकिर अंसारी, मोहम्मद अताउल हक, मिनहाज अंसारी, रेजीउर अंसारी, मोबिन मंसूरी, विकास साहू, मोहन कुमार बैठा, योगेंद्र महतो, राजेश महतो, महराज महतो, विकास कुमार, तजसील मंसुरी, राजाराम महतो, मोहम्मद एनामुल, अरमान मंसूरी, मोहम्मद सबामितु, अब्दुल रहमान, रोहित कुमार, अब्दुल कादिर जिलानी, अब्दुल रेहान मंसूरी, सकमान मंसूरी, इरफान मंसूरी, संजय महतो, सोहेल मंसूरी, आसिफ अंसारी, चांद मंसूरी और अनफुर मंसूरी शामिल हैं।