आजाद सिपाही संवाददाता
पटना। जदयू द्वारा सोमवार को आयोजित इफ्तार पार्टी पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने तंज कसा, तो नीतीश कुमार ने इस पर पलटवार किया है। उधर, जदयू नेताओं ने भी गिरिराज सिंह के खिलाफ भाजपा से कार्रवाई की मांग की। इस पर भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गिरिराज सिंह की फोन पर क्लास लगायी है। अमित शाह ने फोन पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से कहा कि वह इस तरह के बयान देने से बचें। बता दें कि गिरिराज सिंह ने अपने आॅफिशल ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया था, कितनी खूबसूरत तस्वीर होती, जब इतनी ही चाहत से नवरात्रि पर फलाहार का आयोजन करते और सुंदर फोटो आते। अपने कर्म धर्म में हम पिछड़ क्यों जाते और दिखावे में आगे क्यों रहते हैं।
बता दें कि गिरिराज के इस तंज पर जदयू के वरिष्ठ नेता और भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा, उनकी इतनी हैसियत ही नहीं है कि वह हमारे नेता नीतीश कुमार को कोई नसीहत दें। उन्होंने कहा, यह वही गिरिराज सिंह हैं, जो चुनाव के वक्त नीतीशजी को 10 बार फोन करते थे और अपने पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए आग्रह किया करते थे। चौधरी ने कहा कि आज वह जो 4.5 लाख वोट से जीतकर संसद पहुंचे है और मंत्री बने हैं, वह नीतीश कुमार की ही देन है। जदयू प्रवक्ता संजय सिंह ने ट्वीट किया, गिरिराज सिंहजी, हिंदू का मतलब हिंसा नहीं होता है। हम ढोंग नहीं करते हैं और ना ही हमें झूठा दिखावा करना पड़ता है।

राबड़ी ने फेंका चारा, नीतीश के आने पर ऐतराज नहीं

आजाद सिपाही संवाददाता
पटना। भाजपा के साथ जदयू की बढ़ती दूरियों के बीच राजद ने नीतीश कुमार के लिए चारा फेंका है। राजद नेता राबड़ी देवी ने कहा है कि यदि नीतीश कुमार एक बार फिर महागठबंधन से जुड़ना चाहते हैं, तो इसमें कोई ऐतराज नहीं है। राबड़ी देवी ने कहा, यदि नीतीश कुमार दोबारा महागठबंधन में शामिल होते हैं, तो हमें इस पर कोई आपत्ति नहीं है। हालांकि उन्होंने साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि इस मामले में कोई भी निर्णय राजद के के वरिष्ठ नेता करेंगे। राबड़ी से पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने भी कहा था कि नीतीश कुमार को भगवा पार्टी से लड़ने के लिए गैर-भाजपाई पार्टियों से हाथ मिलाना चाहिए। उन्होंने कहा था, वह (नीतीश कुमार) पाला बदलेंगे, लेकिन कोई यह नहीं बता सकता कि वह ऐसा कब करेंगे या वह क्या कहेंगे। ऐसा पहले भी कई बार हो चुका है। यह हैरान करने वाला नहीं है। मैं सिर्फ इतना चाहता हूं कि सभी को भाजपा के खिलाफ साथ आना चाहिए।’
रघुवंश का यह बयान नीतीश द्वारा जदयू के आठ विधायकों को कैबिनेट में शामिल करने के बाद आया था। इस कैबिनेट विस्तार में भारतीय जनता पार्टी के एक भी विधायक को शामिल नहीं किया गया था। इसे दोनों पार्टियों में आ रही दरार के रूप में देखा जा रहा है। राज्य में कैबिनेट विस्तार से दो दिन पहले नीतीश कुमार ने निर्णय लिया था कि उनकी पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार से नहीं जुड़ेगी, क्योंकि उन्हें केंद्रीय कैबिनेट में मात्र एक सीट दी जा रही थी। दरअसल, केंद्र की मोदी सरकार में जदयू कोटे से एक सांसद को मंत्री बनाया जाना था। मगर नीतीश कुमार ने इस आॅफर को ठुकरा दिया था। इसके कुछ दिन बाद जदयू ने राज्य में अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया, जिससे गठबंधन सहयोगियों भाजपा और लोजपा को दूर रखा गया। इसी कारण जदयू और भाजपा के बीच सब ठीक न होने की अटकलें तेज हो गयी हैं। हालांकि जदयू ने इस तरह की खबरों को सिरे से खारिज करते हुए सब ठीक होने की बात कही है।

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