अजय शर्मा
रांची। कभी सिल्वर स्क्रीन पर दिखनेवाले पात्र की तरह झारखंड पुलिस की कार्रवाई अब सवालों के घेरे में है। यदि आरोप सही है, तो कुछ अफसरों के कारण पुलिस महकमे पर से विश्वास उठ सकता है। धनबाद के चर्चित गांजा प्लॉट कांड की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे इससे जुड़े हर चेहरे बेनकाब हो रहे हैं। सीआइडी की जांच जिस दिशा में बढ़ी है, उसमें कोयला तस्करों और कुछ पुलिस अफसरों के गठजोड़ का खुलासा होना लगभग तय है।
आसनसोल के इसीएल कर्मचारी चिंरजीत घोष तस्करों के लिए रोड़ा बना था। उसे सबक सिखाने के लिए जो तरीके अपनाये गये, वे झारखंड पुलिस की पूरी कार्रवाई पर सवाल खड़ा करते हैं। अब कुछ पुलिस अधिकारी दूध और पानी को अलग करने में जुट गये हैं। चिरंजीत को इस फर्जी मामले में जेल भेजने के लिए तस्करों ने कुछ पुलिस अधिकारियों को एक करोड़ रुपये दिये। यह रकम चंदे से जुटायी गयी थी। चिरंजीत घोष और उसके लोग वैसे ट्रकों को बाहर नहीं जाने दे रहे थे, जिन पर अनुमति से अधिक कोयला लदा होता था। इसके बाद उसे फर्जी केस में फंसा कर जेल भेजने की योजना तैयार की गयी थी, जिसमें झारखंड के कुछ पुलिस अधिकारी शामिल हुए।
पूछताछ जारी
इस मामले में निरसा के तत्कालीन थानेदार, तत्कालीन एसएसपी के संपर्क सूत्र दो लोग नीरज तिवारी और रवि ठाकुर, पीड़ित चिरंजीत घोष और धनबाद के राजू से पूछताछ हो चुकी है। आरोप के मुताबिक धनबाद केपूर्व एसएसपी कौशल किशोर ने घोष और राजू को जेल भेजने के लिए थानेदार को एमएमएस से निर्देश भेजा था।
पूछताछ में यह स्पष्ट हो गया है कि जिस वाहन में 39 किलो गांजा बरामद करने का दावा निरसा पुलिस ने किया था, वह गाड़ी घोष की नहीं थी। प्लांट करने वाले लोगों ने उसे भाड़े पर लिया था। सीआइडी उस वाहन के ड्राइवर को खोज रही है। ड्राइवर का बयान इस पूरे मामले की कलई खोलने के लिए काफी होगा।
महगामा के मामले में भी पूछताछ : सीआइडी गोड्डा के महगामा थाने में दर्ज गांजा प्लॉट कांड के दूसरे मामले से जुड़े लोगों और पुलिस अधिकारियों से पूछताछ कर सकती है। महगामा में भी एक मामला दर्ज किया गया था, जिसमें चिरंजीत घोष को गिरफ्तार करने की तैयारी थी।
डीएसपी ने स्वीकारा, एसएसपी की सूचना पर हुई थी कार्रवाई : निरसा के डीएसपी ने घटना के तुरंत बाद मीडिया से बातचीत की थी। उससे संबंधित वीडियो जांच कर रहे अधिकारियों को मिल गया है। इसमें डीएसपी ने स्वीकार किया है कि पूरी कार्रवाई एसएसपी की सूचना पर की गयी थी।
एसएसपी का बयान महत्वपूर्ण : इस मामले में तत्कालीन एसएसपी कौैशल किशोर का बयान महत्वपूर्ण है। उनसे पूछताछ के लिए सीआइडी नोटिस जारी करनेवाली है। इस मामले में निरसा के डीएसपी से एक राउंड की पूछताछ हो चुकी है।
तैयारी थी 164 में बयान की : हद तो तब हो गयी, जब धनबाद पुलिस ने इस मामले में संजू सिंह और राजीव राय का बयान 164 के तहत दर्ज करने की तैयारी कर ली थी। उस समय न्यायाधीश ने तकनीकी कारणों से बयान दर्ज करने से इनकार कर दिया था।

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