New Delhi : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पुराने वीडियो को ऑडिट कर उसे सोशल मीडिया पर वायरल करने के मामले में वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह समेत 11 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। इसकी पुष्टि सोमवार को भोपाल डीआईजी इरशाद वली ने की है। उन्होंने बताया है कि पुलिस मामले की जांच कर रही है।
बता दें कि शिवराज ने विपक्ष में रहते हुए 12 जनवरी 2020 को तत्कालीन कमलनाथ सरकार की शराब नीति पर बोलते हुए दो मिनट 19 सेकंड का एक वीडियो पोस्ट किया था। आरोप है कि उस वीडियो के साथ छेड़छाड़ करके नौ सेकंड का एक वीडियो तैयार किया गया है। इसे सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है। इस वीडियो में कथित तौर पर मुख्यमंत्री को यह कहते हुए दिखाया गया है कि ‘दारू इतनी फैला दो कि पीएं और पड़े रहें’।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने रविवार को दोपहर एक बजकर 50 मिनट पर वायरल वीडियो को अपने ट्विटर से साझा किया था। इसे 11 लोगों ने रीट्वीट किया था। विवाद बढऩे पर दिग्विजय ने इसे डिलीट कर दिया है। भोपाल क्राइम ब्रांच ने भाजपा की शिकायत पर दिग्विजय के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इसके साथ ही वीडियो को रीट्वीट करने वाले अन्य 11 लोगों को भी आरोपी बनाया गया है। पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के बाद कार्रवाई शुरू कर दी है। इसे लेकर शिवराज ने रविवार को चेतावनी दी थी कि इसे साझा करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद रविवार शाम को ही भाजपा विधायक विश्वास सारंग और अन्य भाजपा नेताओं ने भोपाल क्राइम ब्रांच पहुंचकर दिग्विजय सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। उनका कहना है कि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह द्वारा इस वीडियो के जरिए जनता को भ्रमित करने की कोशिश की गई है। पुलिस ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए दिग्विजय सिंह समेत 11 लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है।
भोपाल डीआईजी इरशाद वली ने सोमवार को बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पुराने वीडियो को एडिट कर छवि खराब करने के उद्देश्य से सोशल मीडिया पर वायरल करने के मामले को गंभीरता से लिया गया है। उन्होंने कहा कि मामले में साइबर एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है और मामले की जांच शुरू कर दी है।