रांची। झारखंड सरकार लोगों को दिसंबर तक मुफ्त खाद्यान्न देने की तैयारी कर रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को इस बारे में केंद्रीय उपभोक्ता मामले तथा खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना तथा आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत खाद्यान्न एवं दाल /चना उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री ने लिखा है कि आदिवासी बहुल राज्य झारखंड में कोरोना के वर्तमान संकट को देखते हुए गरीब, असहाय तथा रोजमर्रा की जिंदगी जीने वाले व्यक्तियों के सामने पर्याप्त खाद्यान्न उपलब्ध कराना एक चुनौती है। राज्य में प्रवासी मजदूरों के आने से यह चुनौती और बढ़ गयी है। लॉकडाउन की वजह से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में उत्पन्न अवरोध अभी तक पूरी तरह समाप्त नहीं हो सका है। ऐसे में इनके लिए मुफ्त में अनाज उपलब्ध उपलब्ध कराना आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा है कि राज्य सरकार अपनी ओर से हरसंभव प्रयास कर रही है कि राज्य में कोरोना के संक्रमण और प्रकोप को न्यूनतम किया जाये, राज्य के लोगों को इस विषम परिस्थितियों में अधिक से अधिक राहत उपलब्ध करायी जा सके। उन्होंने पत्र में यह भी लिखा है कि केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लाभुकों को अप्रैल से जून 2020 की अवधि के लिए मुफ्त में खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा चुका है। साथ ही सुपात्र व्यक्तियों के लिए भी मई एवं जून 2020 के लिए मुफ्त में खाद्यान्न एवं चना दिया गया है।
मेडिकल कॉलेजों के लिए विभागीय स्थापना समिति बनेगी
मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में सहायक प्राध्यापक के 52 पदों पर नियुक्ति / पदस्थापन को लेकर विभागीय स्थापना समिति के प्रस्ताव को गुरुवार को स्वीकृति दे दी। झारखंड लोक सेवा आयोग ने विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में सहायक प्राध्यापक के पद पर सीधी नियुक्ति के लिए 52 अभ्यर्थियों की अनुशंसा की है। इन सभी का पदस्थापन पलामू, दुमका और हजारीबाग में स्थापित नये मेडिकल कॉलेज तथा एमजीएम जमशेदपुर, पीएमसीएच धनबाद में किया जाना है।
पांच आंदोलनकारियों के आश्रितों को लाभ देने के प्रस्ताव को मंजूरी
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अलग राज्य आंदोलन के पांच आंदोलनकारियों के आश्रितों को लाभ देने के प्रस्ताव एवं अधिसूचना प्रारूप को स्वीकृति दे दी। इन चिह्नित आंदोलनकारियों के आश्रितों को सरकार द्वारा किये गये प्रावधानों के अनुकूल उनकी कोटि के अंतर्गत वर्णित सुविधाएं संबंधित जिला के उपायुक्त द्वारा प्रदान की जायेंगी। इन आश्रितों को प्रतिमाह देय बकाया सम्मान पेंशन राशि का एकमुश्त भुगतान निधि की उपलब्धता के आधार पर किया जायेगा और प्रत्येक माह की सम्मान पेंशन का उसके अगले माह में प्रथम सप्ताह तक भुगतान किया जायेगा। जिन आंदोलनकारियों के आश्रितों को यह रकम देने की स्वीकृति दी गयी है, उनमें गांडेय प्रखंड के स्वर्गीय महादेव सोरेन की आश्रित मंझली देवी, मसलिया प्रखंड के स्वर्गीय हराधन किस्कु की आश्रित फूलमुनि बास्की, राजमहल प्रखंड के स्वर्गीय बिहारी मंडल की आश्रित तारा देवी, पथरगामा प्रखंड के स्वर्गीय प्रेमलाल टुडू की आश्रित सरोजिनी मरांडी और यहीं के स्वर्गीय द्वारिका प्रसाद साह की आश्रित ललिता देवी शामिल हैं।
सीसीएल सीएमडी ने सीएम को दिये 20 करोड़
रांची (आजाद सिपाही)। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से झारखंड मंत्रालय में सीसीएल के सीएमडी गोपाल सिंह ने मिलकर स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट आॅथोरिटी झारखंड के लिए 20 करोड़ रुपये का चेक सौंपा। सीएमडी गोपाल सिंह ने झारखंड सरकार की सराहना करते हुए कहा कि हमें राज्य सरकार की सहायता समय-समय पर मिलती रही है। कोविड-19 से लड़ाई में सीसीएल राज्य सरकार के साथ खड़ी है। सीसीएल अपने दायित्व का निर्वहन पूरी सजगता और तन्मयता के साथ कर रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी के दौरान 20 करोड़ रुपये के अतिरिक्त सीसीएल ने अपने कमांड क्षेत्र के आठ जिलों में स्थानीय प्रशासन को लगभग एक करोड़ रुपये से अधिक की सहायता राशि प्रदान की है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सीसीएल द्वारा की जा रही इस सामाजिक पहल की सराहना की। मुख्यमंत्री ने सीएमडी गोपाल सिंह को धन्यवाद भी दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के प्रति सभी का महत्वपूर्ण दायित्व है। विपदा की इस घड़ी में सभी सरकारी एवं स्वयंसेवी संस्थानों को कदम से कदम मिलाकर कोविड-19 संक्रमण से निपटने के निमित कार्य करने की आवश्यकता है, तभी हम सभी लोग कोविड-19 से जारी इस लड़ाई को जीत सकेंगे।