जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने मंगलवार को पत्रकारों के सामने कहा कि हमें खुफिया विभाग से जानकारी मिली है कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद एक बार फिर से कश्मीर घाटी में पुलवामा जैसा आत्मघाती हमला दोहराने की साजिश रच रहा है। उन्होंने कहा कि संगठन ने इसके लिए विस्फोटक तैयार कर लिया है और अब वह हमले के लिए मौके की ताक में है लेकिन हम पूरी तरह से सतर्क हैं।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अशांति फैलाने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी। जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ अन्य सभी सुरक्षाबल सतर्कता के साथ डटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि आतंकी संगठनों की हर साजिश नाकाम की जाएगी।
उन्होंने कहा कि यह भी जानकारी मिली है कि सैकड़ों आतंकी गुलाम कश्मीर में स्थित लॉचिंग पैड पर भारतीय सीमाओं में घुसपैठ करने की ताक में हैं। इन लॉचिंग पैड से जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों को जम्मू-कश्मीर में घुसाने की कोशिश की जा रही है। पाकिस्तानी सेना आतंकियों की घुसपैठ कराने के इरादे से ही नौशहरा, राजौरी-पुंछ और कुपवाड़ा जिलों की नियंत्रण रेखा पर आए दिन संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रही है।
उन्होंने कहा कि सीमा पर तैनात जवान और भीतर काम कर रही सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं और आपसी समन्वय बनाकर काम कर रहे हैं। पाकिस्तान की हरेक हरकत पर नजर रखी जा रही है। आपसी समन्वय का परिणाम यह है कि कश्मीर में आए दिन सुरक्षाकर्मी मुठभेड़ में आतंकियों को ढेर कर रहे हैं।
कश्मीर घाटी में सुरक्षाबलों ने पिछले एक साल के दौरान विभिन्न आतंकी संगठनों के छह टॉप कमांडरों समेत करीब 108 आतंकी मार गिराए हैं। अभी भी घाटी में 100 से 200 आतंकवादी सक्रिय हैं।
आईजीपी कश्मीर रेंज विजय कुमार ने बताया कि मारे गए टॉप कमांडर हिजबुल-मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवातुल हिंद संगठन से थे। उनमें रियाज नाइकू, अब्दुल रहमान उर्फ फौजी भाई, जुबैर, कारी यासिर, जुनैद सेहरी, बुरहान कोका, हैदर और तैयब वालिद शामिल हैं।