आजाद सिपाही संवाददाता
मेदिनीनगर। खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि खाली खजाना को भरने के लिए कई उपाय किये जा रहे हैं। इसके कुछ रास्ते भी खोजे गये हैं। जिसमें रेवन्यू कलेक्शन, फिजूलखर्ची रोकना, प्रोफेशन टैक्स के दायरे में कुछ और लोगों को लाना, बकाया प्रोफेशन टैक्स वसूलना शामिल है। कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए सरकार कटिबद्ध है। इस महामारी के चलते ही खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा राज्य में कई जगह दाल-भात केंद्रों का संचालन किया जा रहा है, जहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में राज्य के गरीब एवं असहाय लोगों को भोजन करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य के प्रत्येक व्यक्ति तक भोजन पहुंचाना सरकार का लक्ष्य है। कोरोना काल के इस दौर में राज्य में जीवन और जीविका दोनों को साथ-साथ चलाना है। महामारी से निजात पाने के पश्चात राज्य में विकास को और गति प्रदान की जायेगी। श्री उरांव रविवार को मेदिनीनगर परिसदन भवन में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे।

मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि वैसे लाभुक जो राशन कार्ड की पात्रता नहीं रखते हैं और उनको किसी कारणवश कार्ड निर्गत हो गया है, वैसे लोग हर हाल में अपना राशन कार्ड सरेंडर करना सुनिश्चित करें। ऐसा नहीं करने पर जांच में पकड़े जाने पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी। कई कार्ड धारियों ने राशन कार्ड बनने के बाद लंबे समय से राशन का उठाव नहीं किया है। ऐसे सभी कार्डों को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा सर्वे कराया जा रहा है, अहर्ता रखने वाले ऐसे सभी लोगों को सरकार राशन कार्ड निर्गत करने के लिए प्रतिबद्ध है। राशन वितरण व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सरकार कृत संकल्पित है। विभाग द्वारा सैकड़ों राशन डीलरों पर प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की गयी है। राशन वितरण का लाभ शत-प्रतिशत लाभुकों को मिले, इसके लिए विभाग प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि सरकार दस लाख गरीब परिवारों को राशन कार्ड से जोड़ने के लिए प्रयासरत है। सरकार विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े पदों पर पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों की नियुक्ति करने के लिए कटिबद्ध है।

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