दिल्ली हाई कोर्ट ने गिरफ्तारी के लिए एक समान मानक प्रकिया तय करने के लिए केंद्र और दिल्ली सरकार को दिशा&निर्देश जारी करने की मांग पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुई सुनवाई के बाद कहा कि किसी ख़ास केस में ग़लत तऱीके से गिरफ्तार किए जाने की शिकायत उचित फोरम के सामने की जा सकती है।
याचिका अर्थशास्त्री अभिजीत मिश्रा ने दायर की थी। याचिकाकर्ता की ओर से वकील पायल बहल ने कोर्ट से कहा कि गिरफ्तारी के लिए एक समान मानक प्रक्रिया तय करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किये जाने चाहिए। याचिका में कहा गया था कि किसी व्यक्ति को गैरकानूनी तरीके से हिरासत में रखे जाने के मामले में मुआवजे की नीति बनाई जानी चाहिए। याचिका में कहा गया था कि अगर किसी व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाता है तो उसे उसकी गिरफ्तारी से जुड़े सभी दस्तावेज उपलब्ध कराए जाने चाहिए। गिरफ्तार होने पर संबंधित व्यक्ति के परिजनों को सूचित करना चाहिए।
याचिका में कहा गया था कि दिल्ली पुलिस हर थाने में गिरफ्तारी से संबंधित दिशा-निर्देशों को उपलब्ध कराने के साथ-साथ कानूनी सहायता देनेवाले वकीलों से संपर्क करने की जानकारी मुहैया कराए। याचिका में कहा गया था कि केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और पुलिस यह सुनिश्चित करे कि किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने पर उसके कानूनी अधिकार और प्रक्रिया की जानकारी दी जाए। याचिका में कहा गया था कि अब तक गिरफ्तारी को लेकर किसी भी तरह की एक समान मानक प्रक्रिया तय नहीं की गई है। इसकी वजह से कानून का बेजा इस्तेमाल किया जाता है।