रांची। जेरेडा के पूर्व निदेशक निरंजन कुमार के विरुद्ध किसी भी दिन एसीबी में एफआइआर हो सकती है। सोमवार और मंगलवार को कुमार से एसीबी की टीम ने लंबी पूछताछ की। एसीबी ने उनसे जानना चाहा था कि उन्होंने चहेती ठेका कंपनियों को किस तरह लाभ पहुंचाया और इसके लिए किन किन नियमों को ताक पर रखा गया। कुमार से यह भी पूछा गया कि वह जब दूसरे विभाग के अधिकारी हैं, तो इतने लंबे समय तक प्रतिनियुक्ति में रांची में कैसे महत्वपूर्ण पदों पर पदस्थापित रहे। इनसे यह भी जानने की कोशिश की जा रही थी कि उन्हें किसका संरक्षण प्राप्त था।
निरंजन कुमार पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरूपयोग करते हुए विभिन्न ठेका कंपनियों को 172 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया था। साथ ही, पत्नी के साथ विदेश दौरा पर चले गये, वह भी सरकारी खर्चे पर।
एसीबी यह पता लगा रही है कि विदेश जाने की अनुमति उन्होंने सरकार से ली थी या नहीं। पूछताछ के दौरान उन्होंने कई आरोपों को स्वीकार किया तो, अधिकांश आरोपों से इनकार करते रहे। उनके खिलाफ एसीबी जांच का आदेश सरकार ने दिया है। आदेश मिलने के बाद एसीबी के अधिकारी रेस हो गये हैं। इसी क्रम में जेरेडा कार्यालय जाकर कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जब्त किये गये। उन दस्तावेजों के संबंध में भी उनसे पूछताछ की गयी। बरामद दस्तावेज ठेका कंपनियों को लाभ पहुंचाने से संबंधित हैं।