आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। झारखंड सरकार ने लॉकडाउन में अभिभावकों को बड़ी राहत दी है। निजी स्कूलों के साथ शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की मंगलवार को हुई बैठक में सहमति बनी कि निजी स्कूल सिर्फ दो महीने की ट्यूशन फीस लेंगे और बाकी किसी भी तरह की फीस पर फैसला बाद में लिया जायेगा। यह भी तय हुआ कि ट्यूशन फीस वही स्कूल ले पायेंगे, जो आॅनलाइन क्लास चला रहे हैं। साथ ही तीन महीने की बस फीस भी माफ कर दी गयी है।
बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में शिक्षा मंत्री ने कहा कि इससे संबंधित मामला सर्वोच्च न्यायालय में भी चल रहा है। इसके आदेश के बाद आगे निर्णय लिया जायेगा। अभी दो माह तक ट्यूशन फीस को छोड़कर कोई अन्य शुल्क निजी स्कूल नहीं लेंगे। जो भी स्कूल पहले फीस वसूल चुके हैं, उस फीस को स्कूल एडजस्ट करेंगे और यदि कोई स्कूल बेवजह छात्रों या अभिभावक पर फीस को लेकर किसी तरह का दवाब डालता है, तो उसकी डीसी स्तर पर जांच की जायेगी। साथ ही संबंधित स्कूल पर कार्रवाई की जायेगी। इस बाबत आदेश विभाग के द्वारा निर्गत किया जायेगा। मंत्री ने कहा कि स्थिति को देख कर आगे भी इस आदेश में संशोधन किया जायेगा।
सिर्फ ट्यूशन फीस लेने का आदेश: राम सिंह
डीपीएस स्कूल के प्रिंसिपल राम सिंह ने कहा कि शिक्षा मंत्री के साथ बैठक में निर्णय लिया गया है कि सिर्फ दो महीने की ट्यूशन फीस ही ली जायेगी। किसी अन्य तरह का चार्ज नहीं लिया जायेगा। लॉकडाउन के दौरान बाकी फीस के लिए अभिभावकों पर कोई दबाव नहीं बनाया जायेगा।
- क्या हुआ निर्णय
- लॉकडाउन अवधि यानी अप्रैल-मई की सिर्फ ट्यूशन फीस ले पायेंगे निजी स्कूल
- ’फीस से संबंधित शिकायत मिलने पर डीसी स्तर की कमेटी जांच करेगी। जांच में दोषी पाये जाने पर स्कूलों पर कार्रवाई होगी
- ’इस दौरान किसी अभिभावक पर प्रेशर नहीं बनाया जायेगा
- ’एनुअल फीस, ट्रांसपोर्टेशन फीस पर निर्णय सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद
- ’तीन महीने का बस भाड़ा नहीं लगेगा
- ’जो स्कूल फीस ले चुके हैं, उन्हें फीस एडजस्ट करना होगी