रांची। झारखंड पुलिस के लिए चुनौती बने शूटर अमन साव ने अपनी नयी तस्वीर जारी कर कोयलांचल में सनसनी फैला दी है। इस तस्वीर में उसके एक हाथ में नाइन एमएम पिस्टल है, तो दूसरे हाथ में नोटों का बंडल। सामने एक टेबुल है, जिस पर दो-दो हजार और पांच-पांच सौ के नोटों की कई गड्डियां दिखायी दे रही हैं। अमन साव एक तरह से पुलिस को खुली चुनौती दे रहा है कि उसे पकड़ना आसान नहीं है। वह जहां चाहेगा, रंगदारी वसूलेगा। यह वही अमन साव है, जो बड़कागांव थाना से 28 सितंबर, 2019 को फिल्मी अंदाज में फरार हो गया था। उस समय जो पुलिस अधिकारी उस इलाके में पदस्थापित थे, उन पर आरोप भी लगे। अमन साव के फरार होने के मामले का अनुसंधान अब सीआइडी कर रही है। इस शूटर को पकड़ने के लिए झारखंड पुलिस की एक टीम 20 दिन तक नेपाल में भी रही थी। अमन साव भी नेपाल में ही था। अब वह कहां है, इसकी खोज पुलिस कर रही है।
कक्षपाल ने कबूले राज
रामगढ़ पुलिस के कब्जे में लातेहार जेल का कक्षपाल धर्मेंद्र शाही है। पुलिस ने इसे सोमवार को गिरफ्तार किया था। अमन साव का सहयोगी होने के आरोप में उसे पकड़ा गया है। इससे पहले जेल के तीन सिपाही इसी आरोप में जेल जा चुके हैं। शाही पर आरोप है कि वह वर्ष 2017 में जब रामगढ़ जेल में तैनात था, तब उसने अपना मोबाइल अमन साव को दे दिया था। दो जनवरी, 2017 को जेल में छापामारी के दौरान मोबाइल फोन बरामद किया गया था। उससे कई व्यवसायियों, ठेकेदारों, ट्रांसपोर्टिंग कंपनियों के मालिकों को रंगदारी के लिए फोन भी किया गया था। एसपी प्रभात कुमार ने बताया कि जांच के क्रम में चार आरक्षियों की भूमिका संदिग्ध पायी गयी थी। चारों अमन साव के लिए काम करते थे। मोबाइल बरामद होने के बाद एक मामला दर्ज किया गया था। इसी मामले में धर्मेंद्र शाही फरार था। इधर सीआइडी की टीम ने अमन के फरार होने के मामले का अनुसंधान शुरू कर दिया है। टीम उरीमारी और बड़कागांव पहुंची।