नयी दिल्ली।  केंद्र सरकार 21 जून से देश के सभी राज्यों में 18 वर्ष से ऊपर की उम्र के सभी नागरिकों को मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध कराएगी। वैक्सीन निर्माताओं से कुल वैक्सीन उत्पादन का 75 प्रतिशत हिस्सा भारत सरकार खुद खरीदकर राज्य सरकारों को मुफ्त देगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा, “आज यह निर्णय़ लिया गया है कि राज्यों के पास वैक्सीनेशन से जुड़ा जो 25 प्रतिशत काम था, उसकी जिम्मेदारी भी भारत सरकार उठाएगी। ये व्यवस्था आने वाले दो सप्ताह में लागू की जाएगी। इन दो सप्ताह में केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर नई गाइडलाइंस के अनुसार आवश्यक तैयारी कर लेंगी।”
उन्होंने कहा, “देश की किसी भी राज्य सरकार को वैक्सीन पर कुछ भी खर्च नहीं करना होगा। अब तक देश के करोड़ों लोगों को मुफ्त वैक्सीन मिली है। अब 18 वर्ष की आयु के लोग भी इसमें जुड़ जाएंगे। सभी देशवासियों के लिए भारत सरकार ही मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध करवाएगी।”
मोदी ने कहा, “देश में बन रही वैक्सीन में से 25 प्रतिशत, प्राइवेट सेक्टर के अस्पताल सीधे ले पाएं, यह व्यवस्था जारी रहेगी। प्राइवेट अस्पताल, वैक्सीन की निर्धारित कीमत के उपरांत एक डोज पर अधिकतम 150 रुपए ही सर्विस चार्ज ले सकेंगे। इसकी निगरानी करने का काम राज्य सरकारों के ही पास रहेगा।”

पीएम ने कहा कि पिछले काफी समय से देश लगातार जो प्रयास और परिश्रम कर रहा है, उससे आने वाले दिनों में वैक्सीन की सप्लाई और भी ज्यादा बढ़ने वाली है। उन्होंने कहा कि आज देश में सात कंपनियां, विभिन्न प्रकार की वैक्सीन्स का प्रॉडक्शन कर रही हैं। तीन और वैक्सीन्स का ट्रायल भी एडवांस स्टेज में चल रहा है। प्रधानमंत्री ने सोमवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि 2014 में जब देशवासियों ने हमें सेवा का अवसर दिया तो भारत में वैक्सीनेशन का कवरेज सिर्फ 60 प्रतिशत के आसपास था। पोलियो की वैक्सीन हो, चेचक की वैक्सीन हो, हेपेटाइटिस बी की वैक्सीन हो, इनके लिए देशवासियों ने दशकों तक इंतजार किया था।

आगे उन्होंने कहा कि हमने टीकाकरण की रफ्तार भी बढ़ाई और दायरा भी बढ़ाया। हमने बच्चों को कई जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए कई नए टीकों को भी भारत के टीकाकरण अभियान का हिस्सा बना दिया। क्योंकि हमें देश के बच्चों की चिंता थी, हमें गरीबों की चिंता थी। हमारी दृष्टि में ये चिंता की बात थी।

सात कंपनियां वैक्सीन्स का प्रॉडक्शन कर रही हैं

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले काफी समय से देश लगातार जो प्रयास और परिश्रम कर रहा है, उससे आने वाले दिनों में वैक्सीन की सप्लाई और भी ज्यादा बढ़ने वाली है। उन्होंने कहा कि आज देश में सात कंपनियां, विभिन्न प्रकार की वैक्सीन्स का प्रॉडक्शन कर रही हैं। तीन और वैक्सीन्स का ट्रायल भी एडवांस स्टेज में चल रहा है।

प्रधानमंत्री ने सोमवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि 2014 में जब देशवासियों ने हमें सेवा का अवसर दिया तो भारत में वैक्सीनेशन का कवरेज सिर्फ 60 प्रतिशत के आसपास था। पोलियो की वैक्सीन हो, चेचक की वैक्सीन हो, हेपेटाइटिस बी की वैक्सीन हो, इनके लिए देशवासियों ने दशकों तक इंतजार किया था।

आगे उन्होंने कहा कि हमने टीकाकरण की रफ्तार भी बढ़ाई और दायरा भी बढ़ाया। हमने बच्चों को कई जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए कई नए टीकों को भी भारत के टीकाकरण अभियान का हिस्सा बना दिया। क्योंकि हमें देश के बच्चों की चिंता थी, हमें गरीबों की चिंता थी। हमारी दृष्टि में ये चिंता की बात थी।

इस वैश्विक महामारी में हमारा देश एकजुट होकर खड़ा है

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी में हमारा देश एकजुट होकर खड़ा है। सोमवार को उन्होंने कहा कि इस बीमारी से लड़ने के लिए हमने मिशन मोड में काम किया है और 23 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना जैसी अदृश्य और रूप बदलने वाली बीमारी से रक्षा के लिए मास्क का उपयोग और उचित दूरी अत्यंत आवश्यक है। देश में चल रहे टीकाकरण का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वैक्सीन हमारे लिए सुरक्षा कवच की तरह है।

मोदी ने कहा,  “हर आशंका को दरकिनार करके भारत ने एक साल के भीतर ही एक नहीं बल्कि दो मेड इन इंडिया वैक्सीन्स लॉन्च कर दी। हमारे देश ने, वैज्ञानिकों ने ये दिखा दिया कि भारत बड़े-बड़े देशों से पीछे नही है। आज जब मैं आपसे बात कर रहा हूं तो देश में 23 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज़ दी जा चुकी है।”

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version