प्रशांत झा
रांची। राज्य सरकार अब 18 प्लस वालों के लिए टीका नहीं मंगायेगी। सरकार टीका बनाने वाली कंपनियों को दिये अग्रिम राशि वापस लेगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा कार्रवाई शुरू कर दी गयी है। कोविशील्ड और कोवैक्सीन की निर्माता कंपनियों को इस बाबत पत्र लिखा जायेगा।
26.93 करोड़ अग्रिम दिया था
राज्य में 18 से 44 साल के 1.57 करोड़ लोग हैं। सरकार ने इन सभी के टीकाकरण पर लगभग एक हजार करोड़ रुपये खर्च होने का आकलन किया था। राज्य सरकार ने टीका मंगाना शुरू कर दिया था और इस श्रेणी के लोगों को मुफ्त में टीका भी लग रहा है। सरकार हर महीने के तय कोटे के अनुसार दोनों कंपनियों को भुगतान कर रही थी। जून महीने में राज्य को दोनों कंपनियों से 5.70 लाख टीका उपलब्ध होना था। इसके लिए सरकार ने 26.93 करोड़ रुपये अग्रिम के रूप में दोनों कंपनियों को दिया था।
26 जून से केंद्र से मिलेगा टीका: केंद्र ने पहले 18 से 44 वर्ष तक के लोगों के लिए टीका दिलवाने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों पर छोड़ दी थी। झारखंड सरकार अपने मद से टीका मंगवा कर इस श्रेणी के लोगों को मुफ्त में टीका दे रही थी। अब केंद्र सरकार ने 45 प्लस वालों की तरह 18 प्लस को भी टीका उपलब्ध कराने की घोषणा की है। यह 26 जून से राज्य को मिलने लगेगा। लिहाजा राज्य सरकार को अब टीका खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
17 करोड़ रुपये होंगे वापस : राज्य सरकार ने कोविशील्ड और कौवैक्सीन टीका की निर्माता कंपनी से जून के आॅर्डर का लगभग दो लाख टीका ही मिला है। चूंकि अब टीका केंद्र सरकार मुहैया करायेगी, इसलिए राज्य सरकार कंपनियों को पूर्व में दिये आॅर्डर को रद्द कर रही है। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के मुताबिक अभी तक जितना टीका मिला है, उसकी कीमत लगभग नौ करोड़ रुपये होगी। यानी लगभग 17 करोड़ रुपये दोनों कंपनियों से वापस होंगे। विभाग द्वारा राशि वापस लेने की तैयारी की जा रही है।