10 जून को हुई हिंसा के बाद रांची पुलिस ने मंंगलवार को 31 उपद्रवियों के पोस्टर जारी किये थे। पोस्टर में साफ तौर पर उपद्रवियों को पत्थर चलाते देखा जा सकता था। शहर के कई जगहों पर यह पोस्टर लगाये गये थे लेकिन पोस्टर लगने के कुछ ही देर बाद उसे उतार दिया गया। पुछे जाने पर पुलिस ने कहा कि जारी पोस्टर में कुछ त्रुटियां हैं उसे दूर करने के लिए पोस्टर हटाये गये हैं। बाद में जानकारी मिली की झामुमो ने पोस्टर पर आपत्ती जतायी थी। झामुमो के केंद्रीय समिति सदस्य सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि घटना को लेकर वांछित लोगों का फोटो, नाम, पता चौक-चौराहों पर सार्वजनिक रूप से लगाने से सामाजिक सौहार्द बिगड़ सकता है। इससे नफरत की आग भड़क सकती है। पुलिस को यदि तस्वीरों के आधार पर उपद्रवियों को पकड़ना है तो इसके लिये मीडिया में जारी की गई तस्वीरें पर्याप्त हैं। इसकी सत्यता की जांच कर वीडियो की भी मदद ली जा सकती है।

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