भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री सह रांची की मेयर आशा लकड़ा ने शुक्रवार को मेन रोड में हुए उपद्रव और पथराव की निंदा की है। उन्होंने रविवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में भी उपद्रवियों ने इसी प्रकार की घटना को अंजाम दिया तो वहां के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपद्रवियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की। लेकिन हेमंत सोरेन की सरकार उपद्रवियों को बचाने का काम कर रही है। बिहार के मंत्री नितिन नवीन पर जानलेवा हमला किया गया। पत्थरबाजी से कई निर्दोष राहगीर घायल हुए। दर्जनों वाहनों को क्षतिग्रस्त किया गया। एसएसपी सहित कई पुलिसकर्मी भी पत्थरबाजी की घटना में घायल हुए।

मेन रोड की दुकानों में लगे सीसीटीवी में भी उपद्रवियों के चेहरे कैद हुए होंगे। फिर भी अब तक पुलिस ने किसी उपद्रवी को गिरफ्तार नहीं किया। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी घटना की जांच के लिए मुख्यमंत्री ने एसआईटी का गठन कर दिया और जांच के नाम पर एक सप्ताह का समय दे दिया। जब उपद्रवियों के साक्ष्य मौजूद हैं। इस घटना से पूर्व आइबी द्वारा राज्य पुलिस को की गई अलर्ट की गई जानकारी भी है तो सांच को आंच कैसा।

उन्होंने कहा कि जो जांच दो दिनों में हो सकती है उसके लिए एक सप्ताह का इंतजार क्यों। क्या एसआईटी राज्य सरकार के अनुकूल रिपोर्ट तैयार करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के विधायक इरफान अंसारी इस घटना में गोली लगने से मृत व्यक्ति के आश्रित को 50 लाख मुआवजा एवं सरकारी नौकरी की मांग कर रहे हैं। क्या राज्य सरकार उपद्रवियों को भी मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की पक्षधर है। उन्होंने कहा कि विधायक के इस बयान से अल्पसंख्यक वोट की राजनीति को बढ़ावा देने का कार्य किया जा रहा है न कि निर्दोष के प्रति न्याय की बात की जा रही है। राज्य में झामुमो-कांग्रेस गठबंधन की सरकार है। इसका मतलब यह नहीं हो कि सत्ता में शामिल दल के विधायक तुष्टिकरण की राजनीति करें और राज्य के मुख्यमंत्री अपनी सत्ता बचाने के लिए चुपी साध लें।

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