नई दिल्ली। कर्ज में फंसी रिलायंस कैपिटल एसेट मैनेजमेंट लिमिटेड के करीब 99 फीसदी कर्जदाताओं ने हिंदुजा समूह की कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लि. (आईआईएचएल) की समाधान योजना के पक्ष में मतदान किया है। इस समाधान योजना में लगी बोली से रिलायंस कैपिटल को 9,961 करोड़ रुपये मिल सकते हैं।

सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि रिलायंस कैपिटल के लिए बोली के दूसरे दौर में सबसे ज्यादा 9,661 करोड़ रुपये की पेशकश की गई है। इसके लिए 99 फीसदी मत आईआईएचएल की लगाई बोली के पक्ष में थे। इसके साथ ही रिलायंस कैपिटल के पास रखी 500 करोड़ रुपये से अधिक नकदी भी कर्जदाताओं को मिलेगी। इस तरह कर्जदाता को 10,200 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। हालांकि, मूल रूप से सुरक्षित कर्ज 16 हजार करोड़ रुपये है। इससे कर्जदाताओं के कुल कर्ज में से 65 फीसदी की ही वसूली होगी।

रिलायंस कैपिटल के प्रशासक अगले हफ्ते राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की मुंबई पीठ में आईआईएचएल की समाधान योजना पेश कर सकते हैं। समाधान योजना को पेश करने की समय-सीमा 15 जुलाई है। हालांकि, रिलायंस कैपिटल को लेकर समाधान योजना पर कर्जदाताओं की समिति का कोई भी फैसला टोरेन्ट इनवेस्टमेंट्स की अपील पर आने वाले सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर निर्भर करेगा। पहली नीलामी में टोरेंट 8,640 करोड़ रुपये की पेशकश के साथ सबसे अधिक बोली लगाने वाली कंपनी थी।

उल्लेखनीय है कि कभी अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस कैपिटल कंपनी को 24 हजार करोड़ रुपये के कर्ज चूक के बाद नवंबर 2021 में कर्ज समाधान के लिए भेजा गया था। रिलायंस कैपिटल की समाधान प्रक्रिया के पहले दौर की नीलामी के बाद कानूनी विवाद में फंस गयी थी। सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बाद दूसरे दौर की नीलामी 26 अप्रैल को शुरू हुई, जो संपन्न हो गई है।

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