मुंबई/नई दिल्ली। नागर विमानन निदेशालय (डीजीसीए) दिवाला प्रक्रिया की दौर से गुजर रही गो फर्स्ट का दोबारा संचालन शुरू करने की मंजूरी देने से पहले संबंधित दस्तावेज की जांच करेगा। डीजीसीए एयरलाइन में नई जान डालने के लिए पेश योजना का परीक्षण करने के साथ उसकी तैयारियों को भी परखेगा।

विमानन क्षेत्र से जुड़े सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि गो फर्स्ट के मौजूदा प्रबंधन के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने एयरलाइन की पुनरुद्धार योजना के विभिन्न पहलुओं पर डीजीसीए के अधिकारियों के साथ चर्चा की है। कंपनी ने पुनरुद्धार योजना में गो फर्स्ट की घरेलू उड़ानों के गंतव्य को 29 से घटाकर 23 करने का प्रस्ताव रखा है।

दिवाला प्रक्रिया के समाधान पेशेवर के तौर पर नियुक्त शैलेंद्र अजमेरा और अंतरिम मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) कौशिक खोना ने इस पुनरुद्धार योजना के बारे में डीजीसीए अधिकारियों के समक्ष विस्तृत प्रस्तुति दी। डीजीसीए पेश दस्तावेज का परीक्षण करने के बाद दोबारा उड़ानों के संचालन की अनुमति अगले हफ्ते दे सकता है।

गो फर्स्ट एयरलाइन की उड़ानों का परिचालन वित्तीय संकट गहराने के बाद तीन मई से ही बंद चल रहा है । इस दौरान एयरलाइन ने स्वैच्छिक रूप से दिवाला प्रक्रिया शुरू करने की अर्जी लगाई थी, जिस पर उसे राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) से मंजूरी भी मिल चुकी है।

उल्लेखनीय है कि वाडिया परिवार के स्वामित्व वाली बजट एयरलाइन स्वैच्छिक दिवाला समाधान प्रक्रिया में है। गो फर्स्ट का संचालन दोबारा शुरू करने के लिए ऋणदाताओं ने लगभग 450 करोड़ रुपये की अंतरिम फंडिंग की प्रतिबद्धता जताई है।

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