आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। रांची में जमीन घोटाले और मनी लांड्रिंग के मामलों की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने न्यूक्लियस मॉल के संचालक विष्णु अग्रवाल से बुधवार को आठ घंटे पूछताछ की। उनसे रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन को गोवा टूर कराने, रिटायर्ड अधिकारी के साथ मुंबई जाने, विवादित जमीन खरीदने, किन नेताओं और अधिकारियों का सहयोग है, जैसे कई सवाल पूछे गये। सूत्रों के मुताबिक अग्रवाल ने कुछ प्रश्नों का सही उत्तर दिया, तो कई सवालों में फंसे। उन्होंने सवालों पर चुप्पी साध ली या संतोषजनक जवाब नहीं दे पाये। इडी ने रात करीब आठ बजे उन्हें छोड़ दिया। सूत्रों की मानें तो उनके बयान की तस्दीक करने के बाद फिर पूछताछ के लिए बुलाये जाने की संभावना है।

अग्रवाल ने कराया था छवि रंजन को गोवा का टूर:
विष्णु अग्रवाल पर चेशायर होम रोड की एक जमीन फर्जी कागजात के आधार पर खरीदने का आरोप है। जमीन के रैयत के नाम में मूल दस्तावेज में छेड़छाड़ की गयी थी। आरोप है कि इसमें रांची के तत्कालीन उपायुक्त छवि रंजन और नेताओं और नौकरशाहों के करीबी प्रेम प्रकाश ने भी मदद की थी। विष्णु अग्रवाल ने इसके लिए मोटी रकम का भुगतान भी किया था। उन्होंने छवि रंजन को गोवा टूर भी कराया था, जिसकी पुष्टि इडी की छानबीन में पहले ही हो चुकी है। बताया जा रहा है कि इडी ने उनसे रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन और प्रेम प्रकाश से रिश्ते, विवादित जमीनों की खरीद-बिक्री मामले के अलावा सेना की जमीन में फर्जीवाड़ा करने में सहयोग करने वालों की जानकारी ली है। गौरतलब है कि इडी ने पिछले वर्ष 4चार नवंबर को विष्णु अग्रवाल के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान मोबाइल जब्त किया था। मोबाइल के डेटा से कई अहम जानकारियां मिली थीं। इडी को छानबीन में यह भी पता चला कि विष्णु अग्रवाल व छवि रंजन के बीच गहरे संबंध थे।

जेल में बंद हैं रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन:
प्रेम प्रकाश अवैध खनन के मामले में गत वर्ष ही इडी के हाथों गिरफ्तार हुआ था और तब से ही वह जेल में है। रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन को भूमि घोटाले में इडी ने चार मई को गिरफ्तार किया था। इसके बाद सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था। छवि रंजन जेल में बंद हैं। छवि रंजन को बड़गाईं मौजा की एक प्रतिबंधित प्रकृति की भूमि को प्रतिबंध मुक्त करने के एवज में एक करोड़ रुपये का भुगतान प्रेम प्रकाश के माध्यम से हुआ था।

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