रांची। मणिपुर हिंसा पर झामुमो ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और वहां के मुख्यमंत्री को आड़े हाथ लिया है। झामुमो ने आरोप लगाया कि गृह मंत्रालय और मैती समुदाय के सीएम के संरक्षण में मणिपुर में कुकी जनजातियों को निशाना बनाया जा रहा है। गृह मंत्री 29 मई को मणिपुर गये और 31 को वहां से लौटे। उनके लौटते ही कुकी जनजातियों के 85 गांव फूंक दिये गये। इसके लिए कौन जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि वहां के सीएम और असम राइफल्स के कमांडर मैती समुदाय से आते हैं। उनके इशारे पर ही वहां पर जनजातियों पर अत्याचार किया जा रहा है। केवल आदिवासी को राष्ट्रपति बना देने से भाजपा आदिवासी हितैषी औरआदिवासी प्रेमी नहीं हो सकती है। सच कुछ और ही है। भाजपा और आरएसएस मानसिकता वाले ये लोग अब भी आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यकों को देखना नहीं चाहते हैं, भेदभाव करते हैं। उक्त बातें झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने गुरुवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कही। उन्होंने कहा कि गत दिवस मणिपुर में एसपी के नेतृत्व में एक घायल को लेकर एंबुलेंस जा रही थी, जहां पर भीड़ ने एंबुलेंस को घेरा लिया और आग के हवाले कर दिया। इसमें घायल की मां जिंदा जल गयी। यह घटना यह दर्शाती है कि वहां पर गुस्सा किस कदर बढ़ चुका है। इस हृदय विदारक घटना के लिए जिम्मेदार कौन है। यह वहां के सीएम और गृह मंत्रालय को बताना चाहिए। श्री भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में हत्या एक बड़ा काम बन चुका है। यूपी औरप्रयागराज में पुलिस संरक्षण में जा रहे एक कैदी की सरेआम हत्या कर दी गयी। हमारे पूर्ववर्ती सरकार में भी हजारीबाग और जमशेदपुर में ऐसी घटनाएं घट चुकी हैं। मध्य प्रदेश और दिल्ली में हत्या जैसी घटनाओं में काफी वृद्धि हुई है। अब मणिपुर में इस तरह की हिंसा हो रही है। ये लोग कैसे कह सकते हैं कि भाजपा शासित राज्यों में रामराज आ गया है। सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि विदेश में भारत और हमारे पीएम की साख और लोकप्रियता बढ़ रही है। कोई उनका पैर छूता है, तो कोई आॅटोग्राफ लेता है। मगर देश में क्या हो रहा है। इस पर पीएम को बोलना चाहिए। उन्होंने कहा कि मणिपुर छठी अनुसूची वाला आदिवासी राज्य है। वहां पर कई संवैधानिक बाध्यता है और अधिकार है। इसके बावजूद वहां कुकी आदिवासियों को निशाना बनाया जाना, किस बात का संकेत है। यह मोदी जी और भाजपा को बताना चाहिए।

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