पटना। नरेश सिंह भोक्ता के अपहरण और हत्या के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने तीन आरोपितों के खिलाफ दूसरा पूरक आरोप पत्र दायर किया है।
बिहार के सभी निवासी विनय यादव, नवल और जलेबिया यादव के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम 1967 की विभिन्न धाराओं के तहत बिहार में एनआईए की विशेष अदालत, पटना में आरोप पत्र दायर किया गया है। हत्याकांड के इस मामले में इन तीन आरोपितों का नाम एनआईए की ओर से झारखंड और बिहार में व्यापक तलाशी लेने के कुछ दिनों बाद आया है।
भोक्ता की हत्या का आरोप प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा (माओवादी) पर है। भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम 1967 की विभिन्न धाराओं के तहत एनआईए की विशेष अदालत, पटना में आरोप पत्र दायर किया गया है।
एनआईए ने जिन तीनों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया है, वे प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) या नक्सली संगठन के सदस्य पाये गये हैं और उन्हें पिछले साल 15 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था। वे अंजनवा के जंगल में आरोपी प्रमोद मिश्रा द्वारा बुलाई गई भाकपा (माओवादी) के जोनल कमांडरों और शीर्ष नेताओं की बैठक में शामिल हुए थे। इसी बैठक में भोक्ता सहित संदिग्ध पुलिस मुखबिरों को खत्म करने का फैसला लिया गया था।
एनआईए की ओर से दिये गये आरोप पत्र में कहा गया कि तीनों आरोपी सह अन्य सह-आरोपी नरेश सिंह भोक्ता के अपहरण और जन अदालत के संचालन में शामिल थे, जहां भोक्ता को खत्म करने का निर्णय लिया गया था। नक्सलियों का आरोप था कि नरेश सिंह भोक्ता पुलिस मुखबिरी करता है। लिहाजा उसकी हत्या कर दी गई। इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी।
उल्लेखनीय है कि 3 नवंबर, 2018 को बिहार पुलिस द्वारा दर्ज मामले में अब तक कुल नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले की जांच पिछले साल 24 जून को एनआईए द्वारा लिया गया था। एनआईए ने इस साल 25 फरवरी को एक आरोपी के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया था।