रांची। झारखंड हाइकोर्ट के आदेश के आलोक में हाइकोर्ट के अधिवक्ताओं की 6 सदस्यीय वाली कमेटी रांची के बहुमंजिला इमारतों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की जांच कर रही है। अधिवक्ता की कमेटी दो-दो की टीम बनाकर इस जांच कर में जुटी है। हर एक टीम के साथ तकनीकी रूप से सहयोग के लिए रांची नगर निगम के एक अभियंता भी हैं। टीम द्वारा जरूरत पड़ने पर जिला प्रशासन से भी सहयोग लिया जा रहा है। अधिवक्ताओं की यह टीम कांके रोड, बरियातू ,लालपुर आदि इलाकों में मल्टी स्टोरेज बिल्डिंग ( जी प्लस 5) में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सही रूप से कार्य कर रहा है या नहीं, इसकी जांच कर रही है। जांच के बाद अधिवक्ताओं की कमेटी के नेतृत्वकर्ता दो अधिवक्ताओं द्वारा जांच रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत की जायेगी। दरअसल, रांची के जलस्रोतों के संरक्षण एवं रांची के तीन डैम की साफ-सफाई और उसे अतिक्रमण मुक्त करने को लेकर हाइकोर्ट में जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है।
जांच के लिए हाइकोर्ट ने 6 अधिवक्ताओं की बनायी है कमेटी
रांची शहर के मल्टी स्टोरेज बिल्डिंग( जी प्लस 5) में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की जांच के लिए हाइकोर्ट ने 6 अधिवक्ताओं की कमेटी बनायी है। इस कमेटी में अधिवक्ता कुमार हर्ष, तरुण कुमार महतो, राहुल आनंद, आसिफ खान, बजरंग कुमार एवं अभिजीत शामिल हैं। कमेटी औचक निरीक्षण कर रांची शहर के 648 मल्टी स्टोरेज बिल्डिंग ( जी प्लस 5) में रेन वाटर हार्वेस्टिंग चालू स्थिति में है या नहीं इसकी जांच कर रही है। मामले की अगली सुनवाई 18 जून को होनी है।
क्या बताया था रांची नगर निगम ने हाइकोर्ट को
हाइकोर्ट में पूर्व की सुनवाई के दौरान रांची नगर निगम की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि राजधानी रांची के 710 बहुमंजिला इमारतों (जी प्लस 5) में से 648 बहुमंजिला इमारतों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग किया जा चुका है। जिस पर कोर्ट ने उनसे पूछा था कि जिन बहुमंजिला इमारतों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बना है वह मेंटेन होता है या नहीं।