रांची। लोकतंत्र बचाओ अभियान ने लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दलों के रवैये, आयोग की भूमिका और जमीनी जनमत को साझा किया। अभियान लोकसभा चुनाव के परिप्रेक्ष्य में राज्य के कोने-कोने में लोगों के बीच तक गया, जन मुद्दों को बारीकी से समझा और चुनावी प्रक्रिया को नजदीकी से देखा। इस अनुभव को अभियान के अंबिका यादव, आलोका कुजूर, भरत भूषण चौधरी, एलिना होरो ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि चुनाव के दौरान राज्य के दौरे से यह साफ है कि मतदाताओं के एक बड़े हिस्से का जनमत मोदी सरकार के विरुद्ध है। खासकर पांचों आदिवासी सीटों पर इंडी के पक्ष में लोग दिखे। लोगों में हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को लेकर व्यापक गुस्सा है। साथ ही संविधान और लोकतंत्र को खत्म करना, वादों का महज जुमला बता देना, विभिन्न जन अधिकारों को खत्म करना के विरुद्ध भी मतदाता एकजुट दिखे। अभियान का मानना है कि झारखंड में इंडी गठबंधन को कम से कम सात-आठ सीटें मिलेंगी।