विधायक ने सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस का किया निरीक्षण

रांची। गांडेय विधायक कल्पना सोरेन सोमवार को एक अलग भूमिका में नजर आयीं। वह गांडेय के सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस अचानक पहुंच गयीं। वहां शिक्षिका की भूमिका में नजर आयीं। छात्राओं से बातचीत की और कई टिप्स दिये। हालांकि कल्पना सोरेन का रांची में शिक्षा से गहरा जुड़ाव अरसे से रहा है। राजनीति में इंट्री से पहले वह शिक्षण कार्य से जुड़ी थीं। गांडेय दौरे पर कुछ पल निकाल कर सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस पहुंच गयीं। छात्राओं को देख कल्पना के अंदर पढ़ाने की रुचि बलबती हो गयी। छात्राओं को भविष्य की राह आसान बनाने को लेकर कई टिप्स दिये। सोमवार को गांडेय में सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस का निरीक्षण किया। इस दौरान कल्पना सोरेन छात्राओं के साथ मुखातिब भी हुईं। उनकी समस्याओं से रू-ब-रू हुईं और पढ़ाई-लिखाई को लेकर जरूरी टिप्स भी दिये। बता दें कि गांडेय में सक्रिय नजर आ रहीं कल्पना सोरेन ने सोमवार को सर जेसी बोस सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस गर्ल्स हाइस्कूल पहुंच कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। कल्पना सोरेन ने सोशल मीडिया में तस्वीरें शेयर कर इस बात की जानकारी दी। कल्पना सोरेन गांडेय उपचुनाव जीतने के बाद से लगातार इलाके में काफी सक्रिय हैं।

कंप्यूटर लैब की सुविधाओं का लिया जायजा
कल्पना सोरेन ने जो तस्वीरें शेयर की हैं, उनमें देखा जा सकता है कि वह कंप्यूटर लैब में सुविधाओं का जायजा ले रही हैं। दूसरी तस्वीर में कल्पना क्लास रूम में शिक्षकों से सिलेबस सहित अन्य बातों की जानकारी ले रही हैं। एक तस्वीर में कल्पना छात्राओं से मुखातिब हैं और उनसे बातचीत कर रही हैं। उनको पढ़ाई-लिखाई से संबंधित टिप्स दे रही हैं। बता दें कि सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की परिकल्पना है, जिसका उद्देश्य गरीब तबके के प्रतिभाशाली बच्चों को निजी स्कूलों की तर्ज पर अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना है। इसमें स्मार्ट क्लास रूम, लैब और प्रशिक्षित शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। सभी जिलों में ऐसे स्कूल खोले गये हैं। उनके साथ गिरिडीह के विधायक सुदिव्य सोनू भी थे।

बेहतर शिक्षा से ही झारखंड आगे बढ़ेगा: कल्पना
छात्राओं से मुलाकात के बाद कल्पना सोरेन ने कहा कि सरकारी स्कूलों को उत्कृष्ट बनाना, प्राइवेट स्कूलों से बेहतर बनाना, गरीब बच्चों को भी शिक्षा के बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए संवेदनशीलता चाहिए। राज्य और राज्यवासियों के प्रति प्रेम चाहिए। उनकी खुशी में अपनी खुशी देखने की नीयत चाहिए।

हेमंत जी ने प्रण लिया और झारखंड के सरकारी स्कूलों ने बेहतरीन कायाकल्प देखा। यह अभियान बहुत बड़ा है, जिसे मिल कर पूरा करना है। बेहतर शिक्षा से ही झारखंड आगे बढ़ सकता है।

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