-पवन सिंह ने बिगाड़ा उपेंद्र कुशवाहा का भी खेल
राजीव
रांची। काराकाट लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे भोजपुरी के पावर स्टार पवन सिंह की सभाओं में जिस तरह की भीड़ उमड़ रही थी। उससे एनडीए और महागठबंधन के नेताओं की नींद उड़ा दी थी। उम्मीद जतायी जा रही थी कि पावर स्टार पवन सिंह इस बार काराकाट से जीत दर्ज कर इतिहास रचेंगे। लेकिन हुआ इसके उलट। काराकाट में पवन का झोंका नहीं चला। वैसे यह अब तक की परिपाटी रही है कि भोजपुरी फिल्मी दुनिया से राजनीति में कदम रखनेवाले तमाम अभिनेता को पहली बार चुनावी मैदान में शिकस्त मिली है। पावर स्टार भी पहली बार काराकाट से किस्मत आजमा रहे थे। उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा। साथ ही उन्होंने केंद्र में मंत्री रह चुके उपेंद्र कुशवाहा का भी खेल बिगाड़ दिया। इन दोनों की लड़ाई में महागठबंधन के प्रत्याशी भाकपा माले लिबरेशन के राजाराम सिंह को जीत मिली है। पवन सिंह के मैदान में आने से पहले काराकाट सीट को उपेंद्र कुशवाहा के लिए बेहद ही आसान माना जा रहा था, लेकिन पावर स्टार के आने के बाद लड़ाई टफ हो गयी।
पहली बार, स्टार को मिली हार
इतिहास इस बात का गवाह है कि पहली बार चुनावी सियासत में भोजपुरी अभिनेताओं के हिस्से में हार ही नसीब हुई है। सबसे पहले बात करते हैं बिहारी बाबू यानी शॉटगन शत्रुघ्न सिन्हा की, जो अपना पहला चुनाव हार गये थे। 1992 में नयी दिल्ली सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी ने शत्रुघ्न सिन्हा को अपना प्रत्याशी बनाया था। उनके सामने थे कांग्रेस के राजेश खन्ना। उस उपचुनाव में राजेश खन्ना ने शत्रुघ्न सिन्हा को हरा दिया था।
कुणाल सिंह भी हार गये
भोजपुरी फिल्मों के महानायक के रूप में मशहूर कुणाल सिंह ने 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर पटना साहिब लोकसभा सीट से अपनी किस्मत आजमायी थी। तब भाजपा के शत्रुघ्न सिन्हा के हाथों कुणाल को करारी हार झेलनी पड़ी थी।
नहीं जीत पाये मनोज तिवारी-निरहुआ
उत्तर पूर्व दिल्ली से 2014 और 2019 के चुनाव में शानदार जीत दर्ज करनेवाले भाजपा नेता मनोज तिवारी भी अपना पहला चुनाव नहीं जीत पाये थे। मनोज तिवारी ने 2009 के लोकसभा चुनाव में समाजवाद पार्टी के टिकट पर गोरखपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ा था और योगी आदित्यनाथ के हाथों मात खा गये थे। आजमगढ़ लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी का वर्चस्व खत्म करनेवाले दिनेशलाल यादव निरहुआ भी पहला लोकसभा चुनाव हार गये थे। 2019 में बीजेपी के टिकट पर लड़े निरहुआ को हार मिली, हालांकि 2022 में हुए उपचुनाव में उन्होंने शानदार जीत दर्ज की।
रवि किशन के हिस्से आयी थी हार
यही हुआ भोजपुरी के बड़े स्टार रवि किशन के साथ। रवि किशन ने भी 2014 के लोकसभा चुनाव में जौनपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर किस्मत आजमायी, लेकिन रवि किशन इतिहास नहीं बना पाये। जौनपुर से चुनाव हार गये।
चौंकाने वाला रहा काराकाट का नतीजा
काराकाट लोकसभा सीट के नतीजे कई लोगों के चौंकाने वाला रहा। एनडीए उम्मीदवार उपेंद्र कुशवाहा तीसरे स्थान पर रहे। भोजपुरी के पावर स्टार पवन सिंह दूसरे स्थान पर हैं। पवन सिंह को 216970 वोट मिले। बता दें कि शुरूआती रुझानों में पवन सिंह आगे चल रहे थे, लेकिन जैसे-जैसे गिनती आगे बढ़ी, परिदृश्य बदल गया और इंडी अलायंस के उम्मीदवार जीत गये।