-टेंडर कमीशन घोटाला: ग्रामीण विकास विभाग में कमीश्नखोरी की जांच जारी
– टॉप से बॉटम तक के अफसर व कर्मी जांच के दायरे में
– अब तक पूर्व मंत्री आलमगीर सहित नौ आरोपी गिरफ्तार
– एल वन ठेकेदारों को अयोग्य करार दिए जाने के मिले सबूत
रांची। ग्रामीण विकास विभाग में हुए टेंडर कमीशन घोटाला के जांच का दायरा बढ़ता ही जा रहा है। विभागीय स्तर पर इडी की जांच जारी है। इस मामले में इडी छह जुलाई तक चार्जशीट दायर करेगी। इडी सूत्रों के अनुसार, इडी को विभाग के पूर्व अफसर, सेवानिवृत्त इंजीनियर सहित सेक्शन ऑफिसर से लेकर ज्वाइंट सेक्रेट्री तक को लाभ मिलने के प्रमाण मिले हैं। यह भी पता चला है कि ग्रामीण विभाग विभाग में बिना नजराना दिये कोई भी टेंडर पास नहीं होता था। अब तक इडी के पूछताछ में दो दर्जन से ज्यादा पूर्व और कार्यरत इंजीनियरों ने रिश्वत लेने की बात स्वीकार की है। इस बयान को इडी अपनी चार्जशीट में भी शामिल करने वाली है।

ग्रामीण सड़कों के टेंडर में जमकर हुई कमीशनखोरी
इडी सूत्रों के अनुसार, एल वन ठेकेदारों को अयोग्य करार देने के पुख्ता सबूत मिले हैं। खास कर ग्रामीण सड़कों के टेंडर में जमकर कमीशनखोरी हुई है। जांच में यह भी पाया गया है कि अधिक से अधिक कमीशन के चक्कर में एल वन ठेकेदारों को अयोग्य करार कर दिया गया। विभाग के इंजीनियरों ने अधिकतर योजनाओं में सरकार को नुकसान पहुंचाया। जिस योजना का काम कम राशि में होता था, उसे अधिक राशि में पूरा करवाया जाता था। बताते चलें कि ग्रामीण विकास विभाग में हुए टेंडर घोटाले को लेकर अब तक इडी ने विभागीय अफसरों समेत 32 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की है।

बिल पास करने में भी रिकॉर्ड बनाया
ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग और पंचायती राज विभाग ने बिल पास करने में भी रिकॉर्ड बनाया। 31 मार्च 2024 तक तीनों विभागों ने 26872 बिल पास किये। इसमें ग्रामीण कार्य विभाग ने 7950, ग्रामीण विकास विभाग ने 8000 और पंचायती राज विभाग ने 10,922 बिल पास किये।

सरकारी खजाने में अफसरों ने की सेंधमारी
ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मनरेगा के लिए किये गये सोशल ऑडिट में करीब 51 करोड़ रुपये की लूट का मामला भी सामने आ चुका है। तालाब से लेकर डोभा और टीसीबी से लेकर सड़क निर्माण तक के नाम पर राज्य भर में इस लूट को अंजाम दिया गया। धरातल पर बगैर योजना को साकार किये अधिकारियों ने करोड़ों की राशि का बंदरबांट किया। सबसे ज्यादा गढ़वा और पलामू जिले में मनरेगा योजना के नाम पर सरकारी राशि की लूट हुई।

संजीव लाल के नौकर के फ्लैट से मिले थे 32.20 लाख
ग्रामीण विकास विभाग के तत्कालीन मंत्री आलमगीर आलम के पीए संजीव लाल के घरेलू सहायक जहांगीर आलम के फ्लैट पर बीते छह मई को इडी की टीम ने छापेमारी की थी। इस दौरान 32.20 लाख नकद बरामद हुए थे। इसके साथ ही अन्य जगहों पर भी छापेमारी की गयी थी। अब तक कुल 37.54 करोड़ जब्त हुए हैं। जांच में इडी को विभाग में टेंडर आवंटन को लेकर कमीशनखोरी का पता चला था। इडी ने अब तक विभाग के वैसे सभी इंजीनियरों से पूछताछ पूरी कर ली है, जिन्हें कमीशन लिये हैं। इस मामले में विभाग के मंत्री रहे आलमगीर आलम, उनके पीए संजीव लाल सहित नौ लोग गिरफ्तार हो चुके हैं।

 

 

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