रांची: आकाशवाणी रांची में पिछले 28-30 साल से आकस्मिक उद्घोषक/कंपीयर के रूप में काम कर रहे लोगों को एक झटके में बैठा दिया गया। एक सप्ताह से आकाशवाणी के करीब 28 कंपीयरों की बुकिंग बंद कर दी गयी है। इनकी गलती सिर्फ इतनी है कि उन्होंने प्रसार भारती के फरमान के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा दिया। ये बात आकाशवाणी रांची के केंद्र प्रमुख राजेश कुमार गौतम को नागवार गुजरी। फिर क्या था, अदालत के आदेश के बाद भी यहां काम करने वाले 28 आकस्मिक उद्घोषकों एवं कंपीयरों की बुकिंग बंद कर दी गयी। प्रभावितों का कहना है कि अब यह मामला अदालत की अवमानना का बन रहा है।
क्या है मामला
पूरे देश के आकस्मिक उद्घोषक और कंपीयर नियमितीकरण की मांग को लेकर आंदोलन हो रहा है। ये ऐसे लोग हैं जो प्रसार भारती निगम नयी दिल्ली के अंतर्गत पूरे देश के आकाशवाणी केंद्रों में पिछले 28-30 साल से काम कर रहे हैं। फिलहाल यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट में मामला चलने के क्रम में ही प्रसार भारती देश भर के आकस्मिक उद्घोषक और कंपीयरों की के साथ नाइंसाफी कर रहा है। कई जगहों पर फिर से स्क्रीनिंग ( लिखित, स्वर परीक्षा) आदि लेकर पुराने उद्घोषक को हटाया जा रहा है। इसी के खिलाफ देश के कई स्थानों पर कैट कोर्ट में उद्घोषक एवं कंपीयरों के पक्ष में फैसला आया और परीक्षाएं स्थगित करनी पड़ीं। इस मामले में संसदीय समिति ने भी प्रसार भारती के कदम की आलोचना की और नियमितीकरण के मामलों में एकरूपता बरते जाने की बात कही थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने आदेश में स्पष्ट कहा है कि किसी भी व्यक्ति की परीक्षा बार-बार या हर वर्ष नहीं ली जा सकती है।
हाईकोर्ट में याचिका
रांची के इन 28 कंपीयर/उद्घोषक ने भी इसी हक को लेकर दिनांक 01 जुलाई-17 को झारखंड हाइकोर्ट में याचिका दायर की। हाइकोर्ट ने कंपीयरों की भावना का ख्याल करते हुए परीक्षा नहीं लेने का आदेश (डब्ल्यूपीएस संख्या- 3558/2017 ) के तहत दिया। कोर्ट ने साफ-साफ कहा कि पिछले कई सालों से काम करने वाले आकस्मिक कंपीयरों/उद्घोषक को रि-स्क्रीनिंग की आवश्यकता नहीं है। इस मामले में पूर्ववत स्थिति बनाये रखने का आदेश उच्च न्यायालय ने दिया है।
देश के कई हिस्सों में मिला स्टे
देश भर के उद्घोषकों ने लिखित और स्वर परीक्षा के खिलाफ कैट कोर्ट की शरण ली। प्रसार भारती के परीक्षा लेने के फरमान के खिलाफ विलासपुर, चंडीगढ़, जोधपुर, अलमोड़ा, राजस्थान के नौ जगहों, वाराणसी, जबलपुर, चंद्रपुर, बीड़, शिमला और भोपाल में स्क्रीनिंग स्थगित कर दी गयी। रांची में भी जब कैट कोर्ट ने अंतरिम राहत नहीं दी, तो आवेदक झारखंड हाइकोर्ट गये, जहां से उन्हें स्टे आॅर्डर मिला।
नाराज हैं केंद्र प्रमुख
न्यायालय के आदेश के बाद आकाशवाणी रांची के केंद्र प्रमुख को मजबूरन दो जुलाई को आयोजित होने वाली परीक्षा स्थगित करनी पड़ी। प्रसार भारती के खिलाफ गये आदेश को केंद्र प्रमुख ने प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया और आनन-फानन में केंद्र में पिछले 28-30 साल से काम करने वाले उन 28 कंपीयर / उद्घोषकों की बुकिंग बंद कर दी।