रांची: मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने कहा है कि राज्य में कोई भी बच्चा स्कूल से ड्रॉप आउट न हो। इसके लिए सभी स्कूल/कॉलेजों की मैपिंग करते हुए सभी बच्चों का नामांकन करायें। उन्होंने निदेश दिया कि कस्तूरबा विद्यालय से जिन बच्चियों ने 10वीं पास की है, उनका नामांकन इंटर या पॉलिटेक्निक में करायें। इंटर पास बच्चों का भी कॉलेजों में नामांकन कराया जाये। सीएस राजबाला वर्मा बुधवार को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की समीक्षा बैठक में निर्देश दे रही थीं।
बढ़ी सीटों के अनुरूप हो नामांकन : उन्होंने कहा कि एलडब्ल्यूइ एरिया के कॉलेजों में सीटें बढ़ायी गयी हैं, इसलिए सीटों के अनुरूप बच्चों का नामांकन हो। जो बच्चियां कम अंक पाती हैं, उनका निबंधन हुनर पोर्टल में करायें, ताकि स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षित किया जा सके। उन्होंने कहा कि निरक्षरों को चिह्नित कर उनका निबंधन करायें तथा अगस्त में होने वाली साक्षरता परीक्षा में 6 लाख निरक्षरों को शामिल करायें। मार्च 2018 तक कुल 15 लाख निरक्षरों को साक्षर बनायें। प्रौढ़ शिक्षा को लेकर मुख्य सचिव ने कहा कि मार्च 2018 तक 15 लाख निरक्षरों को साक्षर बनाने के लिए योजना का अनुपालन हो।
नियमित हो स्कूल प्रबंधन समिति की बैठक : सीएस ने निर्देश दिया कि स्कूल प्रबंधन की बैठक नियमित हो। इसके लिए जिला स्तर के पदाधिकारी प्रखंड में जायें, ताकि मुखिया, बीआरपी, सीआरपी के प्रयासों की समीक्षा हो सके। सीआरपी बीआरपी को जवाबदेही दें कि प्रत्येक बच्चे का बैंक खाता खोलें और आधार सीडिंग करायें। मध्याह्न भोजन, छात्रों को सही तरीके से मिल रहा है या नहीं इसका निरीक्षण करें।
1200 पंचायतों से मिला जीरो ड्राप आउट का सर्टिफिकेट
सीएस ने निर्देश दिया कि पंचायतों को जीरो ड्रॉप आउट करने के लिए लगातार चेक करें। मुखिया, बीआरपी, सीआरपी को स्कूल प्रबंधन समिति की बैठक में शामिल करायें। विभाग ने बताया कि अब तक कुल 1200 पंचायतों के मुखिया ने जीरो ड्रॉप आउट पंचायत का प्रमाण पत्र दिया है, जबकि उनमें से 559 पंचायतों की संपुष्टि करते हुए उपायुक्त द्वारा प्रमाण पत्र निर्गत किया जा चुका है। बच्चों की उपस्थिति में वृद्धि हो रही है। अब तक 3796 पंचायतों के मुखिया बैठक में भी शामिल हुए हैं। बैठक में मुख्य रूप से सचिव स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग आराधना पटनायक सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे।