नयी दिल्ली: संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने आज कहा कि नई दूरसंचार नीति तैयार करने की प्रक्रिया जारी है और इसमें राष्ट्रीय दूरसंचार नीति, 2012 की तुलना में कनेक्टिविटी की बजाय एप्लिकेशन पर विशेष जोर दिया जायेगा। श्री सिन्हा ने यहां’सूचना संचार प्रौद्योगिकी : नई संचालन विधियों का जन्म विषय पर एक सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि नई नीति में अंतिम उपयोगकर्ता पर ध्यान केन्द्रित किया जायेगा और उसमें दूरसंचार सेवाओं की उपलब्धता के विस्तार के नए अवसर पर विशेष जोर होगा। उन्होंने कहा कि नई नीति तैयार करने के लिए पहली बार सरकार ने विभाग से बाहर के विशेषज्ञों के एक समूह को शामिल करने का निर्णय किया है, ताकि नई नीति के बारे में नागरिकों और हितभागियों से अधिक से अधिक जानकारी एवं सुझाव मिल सकें। उन्होंने कहा कि वर्तमान में दूरसंचार क्षेत्र ने सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए बुनियादी ढांचे का रूप ले लिया है। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम और डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए कनेक्टिविटी की आवश्यकता है और सरकार इस पर ध्यान दे रही है क्योंकि यह विकास के लिए आवश्यक है। मंत्री ने कहा कि देश में अप्रैल 2017 तक टेलीफोन कनेक्शनों की संख्या 1.2 अरब के करीब पहुंच चकी थी, जिसमें 1.17 अरब वायरलेस टेलीफोन शामिल हैं। इसी प्रकार ब्रॉडबैंड कनेक्शनों की संख्या भी बढ़कर 27.65 करोड़ के पार पहुंच गयी है।
श्री सिन्हा ने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र में मार्च में समाप्त वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पूंजी निवेश 556.4 करोड़ डॉलर रहा जो वर्ष 2013-14 की तुलना में चार गुणा अधिक है और औसत निवेश हर वर्ष करीब 1.3 अरब डॉलर का रहा है।