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    Home»राज्य»बिहार»अंधविश्वास! बारिश के लिए दी जाती है मेंढक की बलि
    बिहार

    अंधविश्वास! बारिश के लिए दी जाती है मेंढक की बलि

    azad sipahiBy azad sipahiJuly 21, 2018Updated:July 21, 2018No Comments1 Min Read
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    गया। बारिश के चलते लोग तरह-तरह के टोटके कर रहे हैं। कहीं मेंढक की शादी कराई जा रही है तो कहीं महिलाएं खेतों में हल चला रही हैं। एक अजीब टोटका शुक्रवार को बिहार के गया जिले के बोधगया प्रखंड के जैतिया गांव में भी किया गया। इसमें देवी मां को खुश करने के लिए गांव की महिलाओं ने गीत गाया और मेंढ़क को कुचलकर मार डाला।

    • देवी मां को खुश करने के लिए देते हैं मेंढक की बलि

    सूखा पड़ने पर जैतिया और आसपास के गांव के लोग यह टोटका करते हैं। बेंग कुटनी (मेंढक को कुचलना) का टोटका महिलाओं द्वारा किया जाता है। गांव के पुरुष दूर रहकर देखते हैं। महिलाएं वट वृक्ष के नीचे जुटती हैं और देवी मां के गीत गाती हैं। पहले से कुछ मेंढक को बांधकर रखा जाता है। एक महिला बांस से मेंढक को कुचलती है। मेंढक को तब तक कुचला जाता है जब तक वे मर न जाएं। इसे देवी मां को खुश करने के लिए दी जाने वाली बलि माना जाता है। गांव के लोगों का मानना है कि इससे भगवान खुश होंगे और बारिश होगी।

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