रांची। पारा शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है। विधानसभा के मॉनसून सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को स्पीकर डॉ दिनेश उरांव ने पलामू में 435 पारा शिक्षकों की कथित अवैध बहाली के मामले की जांच कराने और रिपोर्ट आने तक दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का नियमन दिया। सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा चली। इस बीच पलामू में 435 पारा शिक्षकों की हुई अवैध बहाली का मामला उठा। स्पीकर ने नियमन देते हुए जांच के लिए सदन की कमेटी गठित कर दी। यह कमेटी सितंबर के अंतिम सप्ताह तक अपनी रिपोर्ट देगी। इससे पहले राज्य सरकार ने डीडीसी की जांच रिपोर्ट पर पारा शिक्षकों को सेवामुक्त करने का निर्णय लिया था। स्पीकर ने जांच रिपोर्ट आने तक पारा शिक्षकों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया।
विधानसभा का मॉनसून सत्र खत्म
झारखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र शुक्रवार को खत्म हो गया। यह सत्र 22 जुलाई को शुरू हुआ था। कुल पांच दिन चले सत्र में 3908 करोड़ रुपये का प्रथम अनुपूरक बजट पास किया गया। इसके अलावा जनहित के कई मुद्दे भी उठाये गये। नोक-झोंक भी हुई।

शिवपूजन का इस्तीफा स्पीकर ने किया नामंजूर

रांची। हुसैनाबाद के बसपा विधायक कुशवाहा शिवपूजन मेहता ने शुक्रवार को सरकार के जवाब से नाराज होकर आसन को अपना इस्तीफा सौंप दिया। हालांकि स्पीकर ने इसे नामंजूर कर दिया। सदन में अपने गैर-सरकारी संकल्प के जवाब से नाराज होकर उन्होंने यह कदम उठाया। विधायक ने कहा कि पिछले साल विधानसभा में जपला सीमेंट फैक्ट्री के स्थान पर कोई दूसरी फैक्ट्री स्थापित करने की बात उठायी गयी थी। मुख्यमंत्री ने इस पर आश्वासन भी दिया था, लेकिन अब तक इस पर कोई कार्य नहीं किया गया। शिवपूजन मेहता के सवाल पर सीपी सिंह ने कहा कि सरकार उद्योग नहीं लगाती। आप निवेशक लायें, तो उद्योग लगा दिया जायेगा। इस पर शिवपूजन ने कहा कि हम मोमेंटम नहीं करा सकते। इस पर हेमंत सोरेन ने मेहता से बैठने की अपील की, लेकिन दो-तीन मिनट सदन में बैठने के बाद शिवपूजन मेहता सदन के बाहर निकले और परिसर में ही बैठ गये।
क्या लिखा है शिवपूजन ने
अपने इस्तीफा में मेहता ने कहा कि विधायक बनने के बाद से लगातार कई मुद्दे उठाये गये, लेकिन किसी पर भी सरकार ने कोई पहल नहीं की। पलामू जिला में बटाने जलाशय योजना सालों से बनकर तैयार है। कुछ असामाजिक तत्वों ने डैम का फाटक उठाकर वेल्ड कर दिया है। उन्होंने कहा कि अधिकारी बेलगाम हो गये हैं। उन्होंने शिक्षा मंत्री नीरा यादव के बारे में लिखा है कि वर्तमान सत्र में गुरुवार को मेरी ओर से सूचना के माध्यम से ध्यान आकृष्ट किया गया। इस पर शिक्षा मंत्री नीरा यादव ने बुला कर मुझे धमकी दी और कहा कि आप सदन में सवाल क्यों उठा रहे हैं।

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