नई दिल्ली : भारत के आतंकवाद विरोधी कानून में प्रस्तावित संशोधनों के प्रभाव में आने के बाद सबसे पहला शिकंजा हाफिज सईद और मसूद अजहर पर कसने की तैयारी है। इस कानून के तहत इन्हें सबसे पहले आतंकवादी घोषित किया जाएगा। बता दें कि गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) संशोधन (UAPA) विधेयक, 2019 लोकसभा में पारित हो गया है और अब इसे राज्यसभा में पास होना बाकी है। बिल को लेकर सदन में काफी हंगामा हुआ था और इसके विरोध में कांग्रेस, डीएमके और तृणमूल कांग्रेस ने बिल के विरोध में लोकसभा से वॉकआउट किया था।

यूएपीए को अगर राज्यसभा से भी मंजूरी मिल जाती है तो जिसे आतंकवादी घोषित किया जाएगा, उस पर यात्रा प्रतिबंध लग सकेंगे और उसकी संपत्ति जब्त की जा सकेगी। बता दें कि हाफिज सईद साल 2008 के मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड है जबकि मसूद अजहर साल 2001 में संसद पर हमले में मोस्ट वॉन्टेड है। हाफिज सईद और मजूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित किए जाने के बाद भी पाकिस्तान में सरंक्षण मिला हुआ है। गृह मंत्रालय के अधिकारी के अनुसार किसी व्यक्ति को आतंकवादी तभी घोषित किया जा सकेगा जब गृह मंत्रालय ऐसा करने की सहमति देगा। इस प्रकार घोषित हुआ आतंकी केंद्रीय गृह सचिव के समक्ष अपील कर सकेगा जो इस पर 45 दिनों के भीतर फैसला करेंगे।

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