लद्दाख के गलवान घाटी में भारत चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद पूरे देश के साथ-साथ राजधानी कोलकाता के कारोबारियों ने भी चीन से आयात फिलहाल बंद कर दिया है। कोलकाता के मध्य में चांदनी चौक मार्केट है जो इलेक्ट्रॉनिक सामानों की बिक्री का हब है। यहां चीनी सामानों की 70 फ़ीसदी बिक्री होती है। इसमें खिलौने, लाइट्स, इलेक्ट्रॉनिक गेजेट्स आदि शामिल है। अब बताया गया है कि 15 और 16 जून की रात जब चीन के सैनिकों के साथ झड़प हुई थी और भारत के 20 जवान शहीद हुए थे उसके बाद से ही आयात बंद कर दिए गए थे, जो आज तक बरकरार है।

कलकत्ता सीमाशुल्क हाउस एजेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष सुजीत चक्रवर्ती ने कहा कि खिलौनों से लेकर लाइट वगैरह समेत कई रोजमर्रा के उपभोक्ता सामानों का आयात चीन से किया जाता है। लॉकडाउन की वजह से चीन के साथ साझा व्यापार पहले ही 30 से 40 फीसदी गिर गया था। अब इस संघर्ष की वजह से आयातकों ने अपने ऑर्डर रोक दिए हैं। उन्होंने कहा कि निर्यातकों ने भी अपनी चिंता जतायी है।

इंजीनियरिंग निर्यात संवर्द्धन परिषद (ईईपीसी) के चेयरमैन रवि सहगल ने कहा कि इससे (संघर्ष से) चीन को इंजीनियरिंग सामान के निर्यात में भी अस्थायी बाधा आ रही है। सहगल ने कहा कि निर्यातक भुगतान की वजह से थोड़ा सा चिंतित हैं, अन्यथा निर्यातकों का व्यवहार मध्य अवधि में सामान्य रहेगा। भारत से इंजीनियरिंग सामान का आयात करने वाले शीर्ष 25 देशों में से चीन ऊपर के दो देशों में से एक है। अप्रैल 2020 में भारत का चीन को इंजीनियरिंग निर्यात सालाना आधार पर सकारात्मक रहा है।

कोलकाता बंदरगाह पर कुल जितना मालवहन किया जाता है, उसका करीब 20 फीसदी अकेले चीन के साथ व्यापार के चलते होता है। अब संघर्ष के बाद यह सारे कारोबार पूरी तरह से ठप हैं। चीन से आयात और निर्यात में जुड़े कारोबारियों का कहना है कि भले ही नुकसान हो रहा है लेकिन राष्ट्र की मजबूती के लिए फिलहाल एकजुटता जताना जरूरी है।

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