पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु को जयंती के मौके पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने श्रद्धांजलि दी है। बुधवार सुबह उन्होंने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर ज्योति बसु को श्रद्धांजलि देती हुई एक तस्वीर साझा की है। इसमें उन्होंने लिखा है कि जयंती के मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु को विनम्र श्रद्धांजलि दे रही हूं।
उल्लेखनीय है कि  आठ जुलाई 1914 को जन्मे ज्योति बसु कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के जानेमाने राजनेता थे। वे सन् 1977 से लेकर 2000 तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहकर भारत के लंबे समय तक मुख्यमंत्री बने रहने वाले लोगों में शुमार रहे हैं। वे सन् 1964 से सन् 2008 तक माकपा पॉलित ब्यूरो के सदस्य रहे। बसु 1946 में रेलवे चुनाव क्षेत्र से चुनाव लड़ते हुए बंगाल विधानसभा के लिए चुने गए। 1964 में जब भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का विभाजन होने पर बसु नए भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के पोलित ब्यूरो के पहले नौ सदस्यों में से एक बने। 1967 और 1969 में बसु के पश्चिम बंगाल के संयुक्त मोर्चे की सरकारों में उप मुख्यमंत्री बने। 1967 में कांग्रेस सरकार की हार के बाद अजय मुखर्जी के मुख्यमंत्रित्व वाली सरकार में उपमुख्यमंत्री बने। 1972 में कांग्रेस पश्चिम बंगाल में वापस सत्ता पर लौट आई। माकपा ने 1977 में नए सिरे से चुनाव होने तक विधानसभा के बहिष्कार का फैसला किया। 21 जून 1977 से छह नवम्बर 2000 तक बसु पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा सरकार के मुख्यमंत्री बने रहे। 1996 में ज्योति बसु भारत के प्रधानमंत्री पद के लिए संयुक्त मोर्चा के नेताओं के सर्वसम्मति उम्मीदवार बनते दिख रहे थे, लेकिन माकपा पोलित ब्यूरो ने सरकार में शामिल नहीं करने का फैसला किया, जिसे बाद में बसु ने एक ऐतिहासिक भूल करार दिया। बीमार चल रहे ज्योति बसु का 17 जनवरी 2010 को अस्पताल में निधन हो गया था।
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