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    Home»Jharkhand Top News»नये कानून से राज्यहित का हनन होगा : हेमंत
    Jharkhand Top News

    नये कानून से राज्यहित का हनन होगा : हेमंत

    azad sipahi deskBy azad sipahi deskJuly 4, 2020No Comments3 Mins Read
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    रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि नये विद्युत अधिनियम के कई प्रावधानों से राज्यहित का हनन होता है। कमजोर और पिछड़े राज्यों के हित सुरक्षित रखने के लिए इन्हें बदले जाने की जरूरत है। वह शुक्रवार को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री राजकुमार सिंह की वीडियो कांफ्रेंसिंग में झारखंड का पक्ष रख रहे थे। यह वीडियो कांफ्रेंसिंग विद्युत अधिनियम (संशोधन), 2020 के मसौदे पर बातचीत के लिए आयोजित की गयी थी। इस दौरान केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों और बिजली मंत्रियों के साथ विचार-विमर्श कर उनकी राय जानी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों द्वारा दिये जाने वाले जरूरी सुझावों को विद्युत अधिनियम (संशोधन) विधेयक में शामिल किया जायेगा। झारखंड का पक्ष रखते हुए मुख्यमंत्री ने प्रस्तावित संशोधन पर अपने विचार रखने के साथ कई आपत्तियां जतायीं। उन्होंने कहा कि विद्युत अधिनियम के मसौदे में कमजोर और पिछड़े राज्यों के साथ बिजली उपभोक्ताओं के हितों को सुरक्षित रखने की व्यवस्था सुनिश्चित हो।

    डीवीसी बिजली नहीं काटे, सुनिश्चित किया जाये
    मुख्यमंत्री ने केंद्रीय विद्युत मंत्री से कहा कि राज्य के सात जिलों में डीवीसी द्वारा बिजली आपूर्ति की जाती है, लेकिन बकाया होने की बात कहकर वह बार-बार कई-कई दिनों तक घंटों- घंटों बिजली आपूर्ति बाधित कर देती है। खास बात है कि जिन इलाकों में डीवीसी द्वारा बिजली दी जाती है, वहां ज्यादातर औद्योगिक क्षेत्र हैं। ऐसे में डीवीसी द्वारा बार-बार फरमान जारी कर बिजली आपूर्ति काटने पर रोक लगायी जाये।
    मुख्यमंत्री ने केंद्रीय विद्युत मंत्री को इस बात से अवगत कराया कि झारखंड की एक बड़ी आबादी गरीबी रेखा के नीचे और ग्रामीण इलाके में रहती है। राज्य सरकार इनके घरों में सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। अत: विद्युत अधिनियम (संशोधन) विधेयक-2020 में क्रॉस सब्सिडी के मूल्य का निर्धारण करने की शक्ति को राज्य विद्युत नियामक आयोग (एसइआरसी) के साथ बनाये रखा जाये, ताकि घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं के टैरिफ का निर्धारण कर सकें। मुख्यमंत्री ने क्रॉस सब्सिडी इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन के कार्य क्षेत्र से बाहर निकाल कर नेशनल टैरिफ पॉलिसी के माध्यम से तय करने की प्रक्रिया पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इससे राज्य सरकारों की शक्तियों का हनन होगा।
    मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वर्तमान में उपभोक्ताओं को सब्सिडी बिजली बिलों में कटौती के माध्यम से हस्तांतरित की जाती है और इस व्यवस्था को आगे भी जारी रखा जाना चाहिए।
    ये थे उपस्थित : इस मौके पर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव एल खियांगते, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का और झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम के कार्यकारी निदेशक सह झारखंड ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक केके वर्मा मौजूद थे।

    गैर-भाजपा सरकारों को अस्थिर करने की साजिश की जा रही है
    बाद में मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि गैर-भाजपा सरकारों को अस्थिर करने की साजिश हो रही है। उन्होंने रेलवे के प्रस्तावित निजीकरण के बारे में कहा कि केंद्र की नीतियां दो तरह की हैं। संसद में रेल मंत्री कहते हैं कि रेलवे का निजीकरण नहीं होगा, लेकिन अब वह इसकी घोषणा कर रहे हैं।

    New law will violate state interest: Hemant
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