कानपुर। सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की शहादत का बदला अब पुलिस पूरी तरह से लेने को तैयार है। इसी के चलते लगातार पुलिस बिकरु कांड के आरोपितों का या तो हॉफ इनकांउटर कर रही है या फुल। यह अलग बात है कि अभी इस पूरी घटना का मुख्य अभियुक्त विकास दुबे पुलिस की पकड़ से दूर है लेकिन पुलिस बीते दो दिनों से जो तेजी दिखाई है उससे पूरी संभावना है कि जल्द विकास भी पुलिस की गिरफ्त में होगा। दूसरी ओर बुधवार देर रात इटावा के बाद कानपुर में भी पुलिस ने मुठभेड़ में विकास के एक और साथी कार्तिकेय उर्फ प्रभात मिश्रा को ढेर कर दिया। पुलिस कार्तिकेय को फरीदाबाद से पकड़ कर ला रही थी और बताया जा रहा है कि घटना के बाद यह विकास के साथ घटना से दो किमी दूर शिवली में विकास के साथ रुका था और विकास को लेकर फरीदाबाद यही गया था।
बिकरु कांड का मुख्य आरोपित विकास दुबे अभी पुलिस के हाथ जरूर न लगा हो पर उसके साथी पुलिस गिरफ्त में लगातार आ रहे हैं। इसी कड़ी में फरीदाबाद में वहां की पुलिस ने बिकरु कांड से जुड़े दो लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनको कानपुर पुलिस बुधवार देर रात कानपुर ला रही थी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक पनकी थानाक्षेत्र के भौती बाई पास के पास पुलिस की गाड़ी पंचर हो गई। जिसमें मौका पाकर विकास दुबे का सबसे करीबी कार्तिकेय उर्फ प्रभात मिश्रा दारोगा की पिस्टल छीनकर भागने लगा। पुलिस ने जब उसे रोकने की कोशिश की तो उसने पुलिस पर फायर कर दिया और गोली पुलिस की गाड़ी में लगी। जानलेवा हमला देख पुलिस ने जवाबी फायरिंग की और मुठभेड़ में पुलिस ने अपराधी को ढेर कर दिया। कार्तिकेय उर्फ प्रभात मिश्रा को फरीदाबाद पुलिस ने पकड़ा था और उसने बताया था कि वह घटना को अंजाम देने के बाद कानपुर देहात के शिवली थानाक्षेत्र में अपने एक साथी के यहां विकास के साथ रुका था और उसके बाद सड़क के रास्ते से फरीदाबाद भागे थे। पनकी पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
विकास का करीबी था प्रभात
बिकरु कांड को अंजाम देने वाले विकास दुबे का कार्तिकेय उर्फ प्रभात मिश्रा काफी करीबी बताया जाता है। प्रभात बिकरु का ही रहने वाला था और विकास के साथ ही अपना पूरा समय व्यतीत करता था। कांड को अंजाम देने के बाद विकास को वहां से भगाने में भी प्रभात का ही हाथ बताया जा रहा है।