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    Home»Breaking News»सीधी मुठभेड़ के बजाए लैंड माइंस का सहारा ले रहे माओवादी
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    सीधी मुठभेड़ के बजाए लैंड माइंस का सहारा ले रहे माओवादी

    azad sipahiBy azad sipahiJuly 14, 2021No Comments3 Mins Read
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    रांची। सुरक्षा बलों के कसते शिकंजे से टूट चुके प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के कैडर अब रणनीति बदल कर जवानों को चुनौती दे रहे हैं। अब माओवादी सीधे मुठभेड़ के बजाय लैंड माइंस के जरिए सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। यही वजह है कि राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षाबलों और माओवादी संगठन के कैडरों के बीच सीधी मुठभेड़ की घटनाएं कम हुई हैं, जबकि लैंड माइंस के विस्फोट की घटनाएं बढ़ी हैं।

    कैडर और हथियारों की कमी से जूझ रहे भाकपा माओवादी अब सीधे मुठभेड़ के बजाय लैंडमाइंस विस्फोट कर सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। पिछले छह महीने के दौरान राज्य के अलग-अलग जिलों में नक्सलियों के द्वारा किए लैंड माइंस विस्फोट में चार जवान शहीद हो गए, जबकि तीन ग्रामीणों की भी लैंड माइंस के चपेट में आकर मौत हो गई है। इसके अलावा पांच सुरक्षाबल व ग्रामीण घायल हो गए।

    इस वर्ष की प्रमुख नक्सल घटनाएं
    14 जुलाई को गुमला जिले के कुरमगढ़ के सीमावर्ती जंगल मरवा जंगल में लैंड माइंस विस्फोट हुआ और इसकी चपेट में आने से एक ग्रामीण की मौत हो गई।

    13 जुलाई को गुमला के कुरुमगढ़ थाना क्षेत्र के मरवा जंगल में माओवादियों के द्वारा लगाए गए आइईडी की चपेट में आने से जवान घायल हो गया। घायल जवान को एयर लिफ्ट कर रांची लाया गया।

    20 जून को लोहरदगा के पेशरार थाना क्षेत्र के बुलबुल जंगल में नक्सलियों के बिछाए गए लैंडमाइंस की चपेट में आने से ग्रामीण की मौत हो गई।

    04 मार्च को चाईबासा जिले के टोकलो थाना क्षेत्र लांजी पहाड़ी पर नक्सलियों ने पुलिस जवानों पर अत्याधुनिक तरीके से हमला कर दिया था। इस दौरान डायरेक्शनल लैंडमाइन नक्सलियों द्वारा ब्लास्ट किया गया था, जिसमें तीन जवान शहीद हो गए थे।

    25 फरवरी को गुमला जिले के कुरूमगढ़ थाना स्थित रोरेद जंगल में भाकपा माओवादियों द्वारा आईईडी बम ब्लास्ट किया गया था। इसमें छापामारी अभियान में निकले सीआरपीएफ के जवान रॉबिन्स कुमार घायल हो गये थे।

    27 फरवरी को जिला गुमला थाना क्षेत्र के मड़वा जंगल में आईईडी ब्लास्ट में एक ग्रामीण घायल हो गया। घायल ग्रामीण की पहचान महेंद्र महतो के रूप में हुई थी। इसके बारे में बताया गया कि आईईडी की चपेट में आने से उसका एक पैर उड़ गया था।

    16 फरवरी को लोहरदगा जिले के घोर नक्सल प्रभावित पेशरार प्रखंड के सेरेंगदाग, गम्हरियाद्ध थाना क्षेत्र के चपाल जंगल में आईईडी विस्फोट में पुलिस जवान दुलेश्वर पराश गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें हेलीकॉप्टर से रांची के मेडिका हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी।

    20 जनवरी को चतरा जिले के राजपुर थाना क्षेत्र के कुल्हैया पंचायत अंतर्गत डुमरिया जंगल में नक्सलियों के लगाए गए आईईडी में हुए ब्लास्ट से एक युवक घायल हो गया था।

    16 जनवरी को लातेहार, गुमला सीमा पर स्थित गारू थाना क्षेत्र के पंडरा जंगल में माओवादियों के द्वारा लगाए आईडी ब्लास्ट में एक महिला की मौत हो गई थी, जबकि एक महिला घायल हो गयी थी।

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