राज्य के 1347 लाभुक 16 प्रकार की परिसंपत्तियों से हुए लाभान्वित
रांची। सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड की पहचान खनिज के क्षेत्र में अधिक है, लेकिन वर्तमान सरकार का प्रयास है कि देश-दुनिया में झारखंड मत्स्य पालकों, पशुपालकों और प्रगतिशील किसानों वाले राज्य के रूप में भी अपनी अमिट छाप छोड़े। यह स्वरोजगार का बड़ा माध्यम हो सकता है और ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले युवाओं, महिलाओं और किसानों की आजीविका का स्वावलंबन बने। झारखंड में जलाशयों की कमी नहीं है। ग्रामीणों की सहभागिता से झारखंड मत्स्य उत्पादन में अग्रणी राज्य बन सकता है। मुख्यमंत्री शनिवार को राष्ट्रीय मत्स्य कृषक दिवस के अवसर पर आॅनलाइन 24 जिला के मत्स्य पालकों और लाभुकों को संबोधित कर रहे थे।
केसीसी से आच्छादित होंगे किसान
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को केसीसी का लाभ देने की प्रक्रिया चल रही है। अधिक से अधिक किसानों को इसका लाभ प्राप्त हो। इस निमित कार्य किया जा रहा है। जिला स्तर पर जरूरतमंदों से आवेदन लेने का निर्देश दिया गया है। केसीसी नहीं मिलने की परेशानी किसानों ने साझा की। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि शीघ्र समस्या को हल कर लिया जायेगा।
मांग के अनुरूप होगा मछली का उत्पादन
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाजार में मछली के प्रकारों की मांग के अनुरूप मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जायेगा। इसके लिए देश के विभिन्न बड़े मछली बाजार का आंकलन किया जा रहा है। सरकार जल्द इस पर अंतिम निर्णय लेकर कार्य करेगी, ताकि किसानों की दक्षता को निखारा जा सके।
संसाधन बढ़ाने की योजना बन रही है
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण आबादी की आर्थिक समृद्धि के लिए उनके लिए संसाधन जुटाने के लिए योजना पर कार्य हो रहा है। सरकार राज्य के विभिन्न जलस्रोतों का व्यापक उपयोग कर मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रही है। ऐसा कर झारखंड मछली उत्पादन में अग्रणी राज्यों की श्रेणी में आ सकता है।
सीएम ने चाईबासा डीसी को दिया निर्देश
मुख्यमंत्री ने लाभुकों से बात करने के क्रम में डीसी चाईबासा को मत्स्य कृषकों के लिए मत्स्य बाजार निर्माण करने का निर्देश दिया, ताकि मत्स्य पालकों को सुविधा हो। साथ ही बंद हो चुके खुले खनन क्षेत्र में डीएमएफटी से केज कल्चर और आरएसी को बढ़ावा दें।
आग्रह
सीएम हेमंत सोरेन ने लाभुकों से आग्रह किया कि खाली पड़े सभी जलाशयों में मछली पालन का कार्य करें। सरकार आपको हर तरह से सहयोग करेगी।
उपलब्धि
वर्ष 2020-21 में राज्य में 2 लाख 38 हजार मीट्रिक टन मछली का उत्पादन, चालू वित्तीय वर्ष में 2 लाख 65 हजार मीट्रिक टन मछली उत्पादन का लक्ष्य है। स्थानीय स्तर पर मछली के बीज की उपलब्धता के लिए 7500 प्रशिक्षित मत्स्य बीज उत्पादकों के माध्यम से राज्य एक हजार करोड़ मत्स्य बीज के उत्पादन की ओर अग्रसर होगा।
इनकी रही मौजूदगी
मंत्री बादल, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, सचिव अबू बकर सिद्दीकी, निदेशक एचएन द्विवेदी समेत अन्य उपस्थित थे।