रांची। बेहद गरीब परिवार। पिता मजदूरी करते हैं। हर दिन की कमाई 115 रुपये है। मां घर-घर झाडू और बर्तन धोने का काम करती है। ऐसी विषम परिस्थितियों के बावजूद बेटी में प्रतिभा की कोई कमी नहीं। शुक्रवार को जारी किये गये सीबीएसइ बारहवीं के परिणाम डीएवी आलोक पुंदाग की छात्रा खुशी राज ने कामर्स संकाय में 87.8 प्रतिशत अंक के साथ स्कूल में पहला स्थान प्राप्त किया है। पिता का नाम सत्येंद्र कुमार है। मां बिंदु कुमारी बेटी के प्रदर्शन से बेहद उत्साहित हैं। तीन भाई बहनों में खुशी सबसे बड़ी है। परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी दयनीय थी कि बेटी को ट्यूशन नहीं दे सका।
खुद से पढ़ाई कर बेटी ने यह मुकाम हासिल किया। आनलाइन क्लास के लिए मोबाइल का इंटरनेट भराने तक के लिए परिवार को कर्ज लेना पड़ा। इन सबके बावजूद खुशी का साहस बरकरार है। पिता ने बताया कि अपनी मासिक कमाई का आधा हिस्सा वह अपने तीनों बच्चों की पढ़ाई पर खर्च करते हैं। परिवार का दृढ़ विश्वास है कि घर में लक्ष्मी का प्रवेश सरस्वती की वंदना से ही हो सकेगा। लिहाजा मां और पिता बच्चों की पढ़ाई पर अपने सामर्थ्य के अनुसार पूरा खर्च करते हैं।
प्राचार्य ने कहा, बड़ी क्षमतावान है बच्ची
खुशी के प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विद्यालय के प्राचार्य डा. अशोक कुमार ने कहा कि खुशी बेहद प्रतिभावान है। उन्हें उम्मीद है कि वह अपने परिवार और स्कूल का नाम रौशन करेगी।
बेटी की उच्च शिक्षा के लिए परिवार लेगा कर्ज
बेटी के बारहवीं पास करने के बाद उच्च शिक्षा के लिए परिवार कर्ज लेने वाला है। पिता ने बताया कि उन्होंने इसके लिए कुछ लोगों से बात की है। आश्वासन मिला है कि कर्ज के रूप में ही सही समाज के लोगों से मदद मिलेगी। बेटी के सपने को पूरा करने के लिए परिवार सबकुछ करेगा।