निष्कर्ष : सीएम हेमंत सोरेन की उच्च स्तरीय बैठक में मंथन
आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। टीएसी नियमावली में हुए संशोधन को लेकर पिछले कई दिनों से सवाल उठ रहे थे। भ्रम फैल रहा था कि संविधान की पांचवीं अनुसूची के साथ छेड़छाड़ की गयी है। उठाये जा रहे इस सवाल पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को संज्ञान लिया। इस मसले पर उन्होंने प्रोजेक्ट भवन में उच्च स्तरीय बैठक की। सवालों पर मंथन किया। इसमें राज्य के महाधिवक्ता और मुख्य सचिव भी आये थे। महाधिवक्ता ने मुख्यमंत्री के समक्ष साफ किया कि सिर्फ टीएसी की संचालन नियमावली में संशोधन किया गया है। संवैधानिक व्यवस्था के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गयी है। पांचवीं अनुसूची में किसी को छेड़छाड़ करने का अधिकार ही नहीं है, क्योंकि पांचवीं अनुसूची संविधान के तहत है। इसमें किसी तरह की शंका-आशंका नहीं की जानी चाहिए। इसमें महाधिवक्ता ने कानूनी पक्ष को रखा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि टीएसी की संचालन नियमावली में संशोधन राज्य सरकार का विषय है। बताते चलें कि टीएससी में संशोधन को लेकर झारखंड के कई संगठन सवाल खड़ा कर रहे थे। इसे लेकर भ्रम फैल रहा था कि झारखंड सरकार ने पांचवीं अनुसूची का उल्लंघन किया है। मामला जोर पकड़ते ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस पर संज्ञान लेते हुए उच्च स्तरीय बैठक बुलायी। इस बैठक में मुख्यमंत्री के अलावा मंत्री चंपाई सोरेन, विधायक स्टीफन मरांडी, विधायक बंधु तिर्की, विधायक सीता सोरेन, दीपक बिरुआ, नमन विक्सल कोनगाड़ी, सोनाराम सिंकू, सुखराम उरांव, भूषण तिर्की समेत अन्य उपस्थित थे। बैठक में मुख्यमंत्री ने एक-एक बिंदु पर सदस्यों को आश्वस्त किया कि पांचवीं अनुसूची के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं की गयी है। नियमावली में चेंज हुआ है।