रांची। एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ कांग्रेस के प्रवक्ता और पूर्व सांसद डॉ. अजय कुमार के दिए गए बयान से भाजपा में आक्रोश है। अजय कुमार के खिलाफ प्रदेश भाजपा सड़कों पर उतरेगी। राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू पर टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज कराएगी।

पूर्व विधायक और प्रदेश भाजपा एसटी मोर्चा के प्रमुख शिवशंकर उरांव ने कांग्रेस नेता अजय कुमार द्वारा राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू पर दिए गए उस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई, जिसमें उन्होंने मुर्मू के सम्बन्ध में कहा था कि वह देश की एक शैतानी विचारधारा का प्रतिनिधत्व करती हैं।

गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में शिवशंकर उरांव ने कहा कि अजय कुमार ने अपने बयान में जनजाति समाज की महिला पर ओछी टिप्पणी की है। उनके बयान से केवल भाजपा ही नहीं, समूचा जनजाति समाज मर्माहत है। पार्टी कांग्रेस के खिलाफ जनांदोलन करेगी। हरिजन अत्याचार एक्ट 1989 के तहत मुकदमा दर्ज करायेगी। उरांव ने कहा कि देश की आजादी के बाद पहली बार देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर जनजाति समाज की एक महिला का बैठना तय है। कांग्रेस जैसी पार्टी ने कभी इस समाज को मान नहीं दिया। कार्तिक उरांव जैसे पढ़े लिखे महान नेता तक को इंदिरा गांधी कैबिनेट में जगह केवल इसलिए नहीं मिली कि वे जनजाति समाज से थे। ऐसे में अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी चाहिए कि जनजाति समाज के बारे में कांग्रेस की ऐसी मानसिकता को देखते हुए सामने आएं। द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान करें। ऐसा करके वे जनजाति समाज के एक जवाबदेह व्यक्ति होने का प्रमाण भी देंगे।

उरांव ने कहा कि कांग्रेस पार्टी आदिवासी समाज की उपेक्षा करती रही है। 21वीं सदी में आदिवासियों के जीवन में दो प्रमुख घटनाएं हुई हैं। सरकार ने 15 नवंबर को धरती आबा बिरसा मुंडा के नाम पर राष्ट्रीय जनजाति दिवस घोषित किया। द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए ने उम्मीदवार बनाया। प्रधानमंत्री की इस पहल के लिए जनजाति समाज ग्राम सभा कर रहा है। उन्हें धन्यवाद भेज रहा है।

कांग्रेस के पेट में दर्द क्यों : आरती कुजूर
प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष आरती कुजूर ने कहा कि जनजाति समुदाय के लिए गौरव की बात है कि एनडीए के प्रयास के बाद पहली बार उनके बीच से कोई महिला सर्वोच्च पद पर आसीन होने वाली है। कांग्रेस ने आजादी के बाद लंबे समय तक राज किया, लेकिन आदिवासी समाज और महिलाओं के लिए ऐसा कोई काम नहीं किया। अब जब ऐसी महिला को अवसर मिल रहा है तो कांग्रेस के पेट में दर्द क्यों। उन्होंने कहा कि अजय कुमार के बयान की जितनी निंदा की जाए कम है। कांग्रेस आदिवासी समाज की महिला को सिर्फ वोट बैंक समझती है। सम्मान देने के नाम पर कदम पीछे कर लेती है। उसे यह नहीं पच रहा कि कोई आदिवासी महिला इतने अहम पद पर जाये।

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