जयपुर। जयपुर के खेल प्रेमियों के लिए यह एक अद्भुत और अविस्मरणीय क्षण था जब भारतीय सेना के 61 सब एरिया के जीओसी मेजर जनरल राय सिंह गोदारा एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने, भारत के सबसे पुराने फुटबॉल टूर्नामेंट- डूरंड कप के 132वें संस्करण के “ट्रॉफी टूर” को हरी झंडी दिखाई। रविवार को जयपुर के राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित इस भव्य समारोह में मेजर जनरल राय सिंह गोदारा, एसएम-वीएसएम रिटायर्ड जनरल के के रेप्सवाल, रिटायर्ड ब्रिगेडियर कुलदीप गुलिया और डूरंड कप समिति के नोडल ऑफिसर कर्नल नवनीत सिंह थिआरा विशिष्ट अतिथि थे।

उल्लेखनीय है कि डूरंड कप फुटबॉल टूर्नामेंट सोसाइटी में सीडीएस अध्यक्ष और तीन सेवा प्रमुख उपाध्यक्ष हैं। यह टूर्नामेंट 03 अगस्त से 03 सितंबर 2023 तक कोलकाता में आयोजित किया जाएगा। उद्घाटन समारोह मुख्यालय 61 सब एरिया, सप्त शक्ति कमांड के तत्वावधान में राजस्थान यूनाइटेड फुटबॉल क्लब (आरयूएफसी) के सहयोग से आयोजित किया गया, जो इस साल टूर्नामेंट में भाग लेने वाली टीम भी है। डूरंड कप ट्रॉफी टूर की मेजबानी जयपुर में आरयूएफसी द्वारा की गई।

भारतीय सेना के 61 सब एरिया के जीओसी मेजर जनरल राय सिंह गोदारा ने कहा, “132वें डूरंड कप टूर्नामेंट के सेलिब्रेशन के हिस्से के रूप में यहां शानदार डूरंड ट्रॉफी प्राप्त करके मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं। सशस्त्र बलों की ओर से भारतीय सेना इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट का आयोजन कर रही है। नेपाल, भूटान और बांग्लादेश के टूर्नामेंट में भाग लेने से यह लीगेसी टूर्नामेंट के और अधिक बड़ा होने के लिए तैयार है।”

उन्होंने कहा कि भारतीय सेना खिलाड़ियों को सहायता कर रही है और बदले में खिलाड़ियों ने देश का गौरव बढ़ाया है। राजस्थान राज्य खेलों में अग्रणी रहा है और आरयूएफसी की शुरुआत के साथ, बहुत जल्द राज्य फुटबॉल में भी नई उपलब्धियां हासिल करेगा। उन्होंने टूर्नामेंट की शानदार सफलता की कामना की।

फ्लैग ऑफ से पूर्व डूरंड कप ट्रॉफियों का अनावरण किया गया। समारोह की शुरुआत में कर्नल नवनीत सिंह थिआरा द्वारा प्रेजेंटेशन के माध्यम से डूरंड कप के बारे में जानकारी दी गई।

समारोह में राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह राठौड़ ने कहा, “यह सही है कि क्रिकेट जैसे दूसरे अन्य खेलों की तुलना में राज्य में लोग फुटबॉल के बारे में इतने जागरूक नहीं हैं। अब राज्य सरकार ने विद्याधर नगर स्टेडियम को सिर्फ फुटबॉल के लिए समर्पित कर दिया है। हमारा प्रयास है कि सभी खेलों को बढ़ावा मिले चाहे वह खो-खो हो, कबड्डी हो या फुटबॉल ही क्यों ना हो।”

इस अवसर पर इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड की सीएसआर कमेटी के स्वतंत्र निदेशक एवं अध्यक्ष डॉ. आशुतोष पंत; राजस्थान यूनाइटेड फुटबॉल क्लब (आरयूएफसी) के चेयरमैन कृष्ण कुमार टाक ने भी अपने विचार रखे। इनके अतिरिक्त आरयूएफसी के फाउंडर डायरेक्टर्स एवं पूर्व राष्ट्रीय फुटबॉलर रजत मिश्रा और कमल सिंह सरोहा, गिरीश राठौड़ एवं स्वप्निल ढाका उपस्थित के अलावा युवा फुटबॉल प्रेमी, कई प्रतिष्ठित खेल हस्तियों के साथ-साथ आर्मी पब्लिक स्कूल, केवी नंबर 2 और केवी नंबर 4 के छात्रों और एनसीसी कैडेटस की उपस्थिति रही।

आरयूएफसी के संस्थापक निदेशक और पूर्व राष्ट्रीय फुटबॉलर रजत मिश्रा के अनुसार, आरयूएफसी ने गत वर्ष अपने पहले ही वर्ष में 131वें डूरंड कप टूर्नामेंट में बड़ी सफलता हासिल की और दिग्गज मोहन बागान टीम को हराकर क्वार्टर फाइनल में पहुंचा। उन्होंने कहा कि आरयूएफसी की सफलता और राजस्थान में फुटबॉल के प्रति बढ़ते जुनून से उत्साहित होकर, हमें लगातार दूसरे वर्ष डूरंड कप ट्रॉफी टूर की मेजबानी करने पर गर्व और खुशी है। उन्होंने बताया कि डूरंड कप फुटबॉल टूर्नामेंट एक राष्ट्रीय विरासत है। यह हमारे सशस्त्र बलों की ताकत और एकता को दर्शाता है, जो दुनिया में सर्वश्रेष्ठ में से एक हैं।

उल्लेखनीय है कि डूरंड कप एशिया का सबसे पुराना और दुनिया का तीसरा सबसे पुराना फुटबॉल टूर्नामेंट है, जिसमें देश भर के शीर्ष भारतीय फुटबॉल क्लब भाग लेते हैं। भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा आयोजित, डूरंड कप वर्षों से भारत की सर्वश्रेष्ठ फुटबॉल प्रतिभाओं के पनपने का स्थल रहा है। उद्घाटन संस्करण 1888 में शिमला में हुआ था, जब इसकी शुरुआत एक आर्मी कप के रूप में हुई थी, जो केवल भारत में ब्रिटिश भारतीय सेना के सैनिकों के लिए हुआ करता था, लेकिन जल्द ही इसे नागरिक टीमों के लिए भी खोल दिया गया।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version