बलिया। अमृत स्टेशन योजना के अंतर्गत बलिया रेलवे स्टेशन को 34.93 करोड़ की लागत से पुनर्विकसित किया जा रहा है। लगभग 85 फीसदी कार्य पूरा हो जाने के बाद बलिया शहर के बीचो-बीच स्थित इस रेलवे स्टेशन की खूबसूरती देखते ही बन रही है।
दो प्रमुख नदियों गंगा और घाघरा के जंक्शन पर स्थित यह शहर वाराणसी से 140 किमी. पूर्व और लखनऊ से लगभग 380 किमी दूर स्थित है। देश के स्वतंत्रता इतिहास में बड़ी संख्या में यहां के स्वतंत्रता सेनानियों का योगदान दिया है। बलिया पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी डिवीजन के अंतर्गत एनएसजी-3 श्रेणी का स्टेशन है, जिसमें चार प्लेटफार्म हैं। बलिया स्टेशन से 48 गाड़ियां संचालित हो रही हैं। लगभग 18 हजार यात्रियों का आवागमन प्रतिदिन होता है। इस व्यस्त रेलवे स्टेशन पर अन्त्योदय एक्सप्रेस व सुपर फ़ास्ट ट्रेनों समेत राजधानी एक्सप्रेस भी रुकती है। अमृत स्टेशन योजना के अन्तर्गत बलिया रेलवे स्टेशन पर किये जा रहे उन्नयन एवं सुधार कार्यो में स्टेशन भवन का विस्तार, स्टेशन भवन के मुखड़े का सुन्दरीकरण के साथ सुधार कार्य, वीआईपी कक्ष में सुधार के आधुनिकीकरण एवं एसी लाउंज का निर्माण कार्य लगभग 85 प्रतिशत पूर्ण हो गया है। इसके अतिरिक्त ट्रैफिक सर्कुलेशन में सुधार और सर्कुलेटिंग एरिया का सौंदर्यीकरण कार्य भी हो रहा है। स्टेशन के मुख्य प्रवेश द्वार पर 40 मीटर विस्तार का प्रावधान कार्य, 10 वर्ग मीटर में दिव्यांगजन सुविधाओं वाले शौचालयों का प्रावधान का कार्य, स्टेशन के अग्रभाग एवं उन्नयन कार्यों में सुधार, 96 वर्ग मीटर में एसी वेटिंग हॉल के निर्माण का कार्य, 60 वर्गमीटर में नये शौचालय ब्लॉक का निर्माण,1800 वर्ग मीटर के पार्किंग क्षेत्र का निर्माण कर उसमें टू व्हीलर, थ्री व्हीलर एवं फोर व्हीलर पार्किंग कार्य, लिफ्ट और एस्केलेटर के साथ 12 मीटर चौड़े फुट ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य, 2280 वर्गमीटर प्लेटफार्म शेल्टरों का प्रावधान, स्टेशन पर अन्तर्राष्ट्रीय मानक के अनुरूप बेहतर साइनेज, लिफ्ट और एस्केलेटर का प्रावधान कर आसान नेविगेशन के माध्यम से यात्री अनुभव को बढ़ाने सहित विभिन्न निर्माण कार्य प्रगति पर हैं।
पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी के जनसंपर्क अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि कार्यों के पूर्ण हो जाने पर बलिया रेलवे स्टेशन पर रेल यात्रियों एवं उपयोगकर्ताओं को जहाँ एक ओर उन्नत एवं आधुनिक यात्री सुख-सुविधाओं का लाभ मिलेगा। वहीं दूसरी ओर रेल परिसर में प्रवेश करते ही उन्हें सुखद अनुभूति भी मिलेगी।